बिलासपुर। कोटा ब्लॉक में अवैध क्लीनिकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग का छापामार अभियान तेजी से जारी है। कल देर रात, दो और अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की गई और इन्हें सील कर दिया गया। इस कार्रवाई में विश्वास क्लिनिक और मरावी क्लिनिक शामिल थे।
मरावी क्लिनिक के संचालक देवशंकर मरावी, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क पद पर कार्यरत हैं, के क्लिनिक में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन पाए गए। वहीं, विश्वास क्लिनिक में भी बिना डिग्री के इलाज करते हुए भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां पाई गईं। दोनों क्लीनिकों में मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं, जो इन अवैध क्लीनिकों की सक्रियता को दर्शाती हैं।
कार्रवाई का विवरण: कोटा एसडीएम युगल किशोर उर्वशा के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार शैली में दबिश देकर कार्रवाई की। कोटा में गुरुद्वारा के पीछे संचालित मरावी क्लिनिक और महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लिनिक की जांच की गई। जांच के दौरान विश्वास क्लिनिक में इलाज कराने आए धनरास के ग्रामीण विशंभर सिंह को कुल 713 रुपए की दवाई देकर 1300 रूपए वसूलने की जानकारी मिली, जिसे तहसीलदार द्वारा वापस कराया गया।
दिन में गुप्ता क्लिनिक और चिरंजीत विश्वास क्लिनिक के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई थी। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि अवैध क्लीनिकों पर अंकुश लगाया जा सके और जनता को सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
आगे की योजना: स्वास्थ्य विभाग का यह छापामार अभियान जारी रहेगा। तहसीलदार कोटा और कोटवारों की संयुक्त टीम ने देर रात की कार्रवाई में दोनों क्लिनिकों को सील किया। इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि प्रशासन अवैध क्लीनिकों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है और यह अभियान अन्य अवैध क्लीनिकों के खिलाफ भी जारी रहेगा।