प्रख्यात व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का आज जन्मदिन है। वे हमारे बीच नहीं हैं, पर हम उनका साहित्य आज भी बार-बार पढ़ा करते हैं। पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वालों की लाइब्रेरी में, पुस्तकालयों और किताब दुकानों में उनकी व्यंग्य रचनाओं के दर्जनों संग्रह मिल जाते हैं। उनके पाठक समय के साथ बढ़ते ही गए हैं क्योंकि उनके लिखे व्यंग्य और निबंध समाज की सच्ची तस्वीर दिखाते हैं। उनके लेखन से प्रेरणा लेकर बहुतों ने व्यंग्य विधा पर लिखना शुरू किया। उनके पहले व्यंग्य को अलग विधा के रूप में मान्यता नहीं दी जाती थी। अपनी रचनाओं में परसाई ने राजनेताओं, समाज-सेवकों, नौकरशाहों को नहीं छोड़ा। उन्होंने साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार आदि पर भी जबरदस्त कटाक्ष है।

‘इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर ’ इन्हीं रचनाओं में से एक है। इसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ा प्रहार है। वरिष्ठ पत्रकार राजेश दुआ अनेक प्रतिभाओं से सम्पन्न है। वे अच्छे वाचक भी हैं। परसाई की इस रचना का उन्होंने blive.news के लिए अपने रोचक अंदाज में पाठ किया है, जिसे आप नीचे क्लिक कर सुन सकते हैं।

आज प्रेस-क्लब में भी याद किया

बिलासपुर प्रेस-क्लब में बुधवार को विख्यात व्यंग्यकार स्वर्गीय हरिशंकर परसाई की जयंती के अवसर पर पत्रकार वरुण सखा जी ने अपने उपन्यास ‘परलोक में सेटेलाइट’ के एक अंश का पाठ किया। व्यंग्यात्मक पुट पर लिखे गए इस उपन्यास में अखबार के दफ्तरों के माहौल का जीवंत चित्रण किया गया है। वरिष्ठ पत्रकार नथमल शर्मा ने परसाई के रचना-धर्म पर सारगर्भित विचार रखे। साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ने परसाई के बिलासपुर आगमन पर हुई एक घटना का संस्मरण सुनाया। प्रेस-क्लब सचिव विश्वेश ठाकरे ने कार्यक्रम का संचालन किया।

 

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