ब्रह्माकुमारी कविता दीदी ने कहा—“जागरूकता ही शक्ति है, जो विचारों को स्वच्छ और जीवन को सुहाना बनाती है”
बिलासपुर। सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के तहत एसईसीएल मुख्यालय, बिलासपुर में सोमवार को प्रेरक उद्बोधन कार्यक्रम “सुहाना सफर – An Adventure into Awareness” संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुंबई से आई राजयोग मेडिटेशन शिक्षिका व आध्यात्मिक संचालिका ब्रह्माकुमारी कविता दीदी मुख्य वक्ता रहीं।
यह आयोजन एसईसीएल ऑडिटोरियम में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरीश दुहन, निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन, विभागाध्यक्षों, कर्मचारियों और श्रमिक संघों की उपस्थिति में किया गया।
नैतिक कार्य-संस्कृति और पारदर्शिता को मजबूत करने की पहल
कार्यक्रम का उद्देश्य संगठन में नैतिकता, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और आंतरिक सतर्कता को बढ़ावा देना था। ब्रह्माकुमारी कविता दीदी ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से जीवन प्रबंधन, आत्म-जागरूकता और मानसिक संतुलन के व्यावहारिक सूत्र साझा किए।
उन्होंने कहा—
“सतर्कता का सफर भीतर की जागृति से शुरू होता है। जब मन शांत होता है, निर्णय पारदर्शी और सही दिशा में होते हैं। जवाबदेही बोझ नहीं, बल्कि स्वयं को बेहतर बनाने का अवसर है।”
उन्होंने राजयोग को मन की स्वच्छता, विचारों की सजगता और जीवन की सकारात्मकता का आधार बताया।
सतर्कता सिर्फ सप्ताह नहीं, जीवनशैली है—हरीश दुहन
अपने संबोधन में CMD हरीश दुहन ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि जीवन और कार्य-संस्कृति का स्थायी हिस्सा होना चाहिए।
उन्होंने कहा—
“जब व्यक्ति आत्म-जागरूक होकर काम करता है तो उसके निर्णय निष्पक्ष और संगठन के लिए मूल्यवान होते हैं।”
दीप प्रज्वलन और श्रद्धांजलि के साथ कार्यक्रम की शुरुआत
सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और कोल इंडिया का कॉर्पोरेट गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन मनीष वास्तव, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन/जनसंपर्क/राजभाषा) ने दिया, जबकि आभार प्रदर्शन नागेश्वर राव, महाप्रबंधक (सतर्कता/ई एंड एम) ने किया।
सत्र के अंत में कर्मचारियों को जीवन में जागरूकता, सत्यनिष्ठा और आत्म-अनुशासन को अपनाने का संदेश दिया गया।














