बिलासपुर। गुजरात में पिछले दो माह से लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को लेकर छत्तीसगढ़ की पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज सुबह बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची। सामाजिक दूरी की प्रक्रिया अपनाते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। इन श्रमिकों को स्पेशल बसों से उनके गांव छोड़ा गया,जहां बनाये गये क्वारांटीन सेंटर में वे 14 दिन रहेंगे।

यह ट्रेन अहमदाबाद से गोधरा, रतलाम, बीना, कटनी, पेन्ड्रारोड से होते हुए बिलासपुर पहुंची। रास्ते में एक जगह ऑपरेशनल स्टापेज दिया गया। कल शाम को ट्रेन में ही इनके लिए रात्रि भोजन की व्यवस्था कर दी गई थी। इस ट्रेन में 1208 श्रमिक पहुंचे हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ट्रेन में सर्वाधिक मजदूर बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड से हैं। इन यात्रियों में मुंगेली जिले के 20, जांजगीर-चाम्पा जिले के 53 और दुर्ग जिले के 11 लोग भी शामिल हैं।

सभी अपने साथ बोरियों, सूटकेस और अटैचियों में अपना सारा सामान लेकर आये हैं। कल शाम यह ट्रेन वहां से छूटी थी और आज सुबह 10 बजे तक  पहुंचना था लेकिन यह समय से करीब 15 मिनट पहले ही पहुंच गई। देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे मजदूरों को छत्तीसगढ़ के लिए चलने वाली 15 ट्रेनों में से यह पहली ट्रेन थी। स्टेशन पर मजदूरों को बारी-बारी, एक डिब्बे के अंतराल से उतारा गया। प्लेटफार्म पर उतरते ही यात्रियों को सैनेटाइज किया गया और उनको मास्क प्रदान किया गया। स्टेशन पर ही इनके लिए सुबह नाश्ते की व्यवस्था भी कर दी गई। ट्रेन से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म पर इन श्रमिकों को कतारबद्ध बैठने के लिए मार्किंग कर दी गई। इस काम को संभालने के लिए कलेक्टोरेट, जिला पंचायत और जनपदों के कर्मचारी, अधिकारियों को लगाया गया। द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय के एक हिस्से को स्वास्थ्य जांच केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया गया, जहां पर प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की गई। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का सैम्पल लिया जा रहा है जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है। बिलासपुर जिले के 977 श्रमिकों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसके अलावा 11 लोगों का सैम्पल कोरोना टेस्ट के लिए लिया गया। 40 मजदूर यात्रियों में सर्दी, बुखार, खांसी के लक्षण मिले।

बिलासपुर जिले के मजदूरों को 48 बसों में रवाना किया गया। अन्य जिलों के लिए भी वाहन वहां के जिला प्रशासन की ओर से भेजे गये थे। सभी मजदूरों को गांवों में बनाये गये कुछ 1066 क्वारांटीन सेंटर में रहना होगा, जो सामुदायिक भवन, छात्रावास, स्कूल-कॉलेज भवन आदि में तैयार किये गये हैं।

जिला कलेक्टर डॉ. संजय अलंग, जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीतेश अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.प्रमोद महाजन के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी व्यवस्था की देखरेख के लिए स्टेशन पर मौजूद हैं। पूरे स्टेशन एरिया के व्यावसायिक गतिविधियों पर सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से आज प्रतिबंधित किया गया है। स्टेशन तथा आसपास के क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।

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