रायपुर-जबलपुर ट्रेन को बिलासपुर से जबलपुर तक चलाने की मांग, मंत्री साहू दखल दें
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ से पहली बार केंद्र सरकार में बिलासपुर को प्रतिनिधित्व मिला, मगर नई यात्री ट्रेन की घोषणा में एक बार फिर रायपुर को तरजीह दी गई है। इससे नाराज छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय बिलासपुर में होने के बावजूद इंटरसिटी ट्रेन रायपुर से चलाई जा रही है, जो कि बिलासपुर के साथ सीधा अन्याय है।
मालूम हो कि हाल ही में रेलवे ने रायपुर से गोंदिया होते हुए जबलपुर तक एक नई इंटरसिटी ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है। समिति का कहना है कि यह ट्रेन बिलासपुर से शुरू होनी चाहिए थी। बिलासपुर से रायपुर, गोंदिया होते हुए जबलपुर तक की दूरी केवल 518 किलोमीटर है, जिसे इंटरसिटी ट्रेन करीब 9 घंटे में तय कर सकती है।
समिति ने वैकल्पिक समय सारणी भी पेश की है। उसके अनुसार, अगर ट्रेन जबलपुर से सुबह 5 बजे चले तो यह बिलासपुर दोपहर 2 बजे पहुंचेगी और वहां से 2:30 बजे रवाना होकर रात 11:30 बजे जबलपुर लौट सकती है। मौजूदा टाइम टेबल में यह ट्रेन जबलपुर से सुबह 6 बजे रवाना होकर दोपहर 1:45 बजे रायपुर पहुंच रही है और रायपुर से दोपहर 2:30 बजे चलकर रात 11:45 बजे जबलपुर लौट रही है। इस हिसाब से भी बिलासपुर से ट्रेन संचालन बिल्कुल संभव है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासपुर रेलवे जोन देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले जोनों में से एक है, फिर भी यहां से नई ट्रेनें शुरू करने में हमेशा भेदभाव किया जाता है। अब जबकि तोखन साहू को केंद्र में मंत्री बनाया गया है, तो उम्मीद थी कि यह सिलसिला रुकेगा। मगर ऐसा नहीं हुआ।
समिति ने केंद्रीय मंत्री साहू से इस विषय में दखल देने और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर ट्रेन की शुरुआत बिलासपुर से कराने की मांग की है। साथ ही कहा कि डबल इंजन की सरकार में भी बिलासपुर को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।