बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा साफ-साफ बताये जाने के बावजूद चकरभाठा स्थित एयरपोर्ट के नामकरण में अधिकारियों ने गलती की। राजधानी के अधिकारियों ने इसको लेकर चेतावनी दी, जिसके बाद निमंत्रण पत्र में सुधार किया गया है। हालांकि एयरपोर्ट की बिल्डिंग से गलत नामकरण नहीं हटा है।


बीते 9 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के दौरे पर थे। इस दौरान उनसे निषाद समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर ‘बिलासा बाई केवटीन’ के नाम पर चकरभाठा एयरपोर्ट का नामकरण करने के लिये आभार जताया। बघेल ने तुरंत कहा कि केंवटीन नहीं, केंवट कहिये। निषाद समाज के प्रतिनिधियों ने कहा- अख़बारों में तो यही छपा है। बघेल ने कहा कि उनका सरनेम केंवट है और यही रहने दें। एयरपोर्ट का नाम बिलासा देवी केंवट रखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य को जिले के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ यह याद रखा कि 3 जनवरी 2021 को बिलासपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने बिलासा के नाम पर एयरपोर्ट रखने कहा था। बतातें चले कि इसके लिये एक और सुझाव महामाया एयरपोर्ट रखने का भी आया था।

एक मार्च से शुरू हो रही हवाई सेवा को लेकर तेजी से हुई तैयारियों के बीच जिले के अधिकारियों को ध्यान ही नहीं रहा कि एयरपोर्ट का वास्तविक नाम क्या हो। एयरपोर्ट पर बड़े-बड़े अक्षरों में इसे ‘बिलासा बाई केंवटीन’ एयरपोर्ट लिख दिया गया।  जाहिर है जिम्मेदार अधिकारियों ने इसका परीक्षण नहीं किया और जैसा लिखा गया, वैसा जाने दिया। 25 फरवरी को ट्रायल लैंडिंग होने के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया और बताया कि इसे ‘बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट’ नाम से जाना जायेगा। इसके बाद रायपुर के कुछ अधिकारियों ने बिलासपुर एयरपोर्ट के गलत नामकरण के लिये जिला प्रशासन के अधिकारियों से अपनी नाराज़गी जाहिर की। इसके बाद आज जारी निमंत्रण पत्र में नाम सुधारा गया है। मालूम यह भी हुआ है कि एयरपोर्ट में लिखे गये नाम को भी उद्धाटन की तारीख एक मार्च से पहले सुधार लिया जायेगा।

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