विधायक पांडेय ने दिखाई गंदे पानी की बोतल, बजट में 75 करोड़ की मांग

बिलासपुर। विधायक शैलेश पांडे ने आज विधानसभा में अरपा नदी की दुर्दशा की ओर का ध्यान आकर्षित कराया । इस दौरान शैलेश पांडे कहा कि अरपा  के गंदे पानी में जलकुंभी पूरे नदी में फैल चुकी है। यह जलकुंभी ऑक्सीजन खींच लेती है जिससे गंदे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा में खतरनाक तरीके की कम हो चुकी हैं। इस वजह से सारी मछलियां भी मर चुकी है। इस गंदे पानी का बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड 150 पीपीएम तक पहुंच चुकी है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार पेयजल के बीओडी की मात्रा दो पीपीएम से अधिक नहीं होनी चाहिए।  इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अरपा चेक डैम में ठहरा पानी कितना खतरनाक तरीके से प्रदूषित हो चुका है। यह गंदा पानी खतरनाक केमिकल के रूप में पूरे शहर के बीचोंबीच ठहरा हुआ है। इसमें लगातार खतरनाक रसायनों की मात्रा बढ़ती चली जा रही है।

पांडेय ने कहा कि बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा से लगातार रेत उत्खनन किया जा रहा है। 10 किलोमीटर दूरी तक रेत उत्खनन करके खनिज विभाग की मिलीभगत से लाखों रुपए की रॉयल्टी चोरी की जा रही है और अरपा को बंजर बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले 40 फीट की गहराई में बोर में पानी आ जाता था, परंतु आज 150 फीट में भी पानी नहीं आ रहा है । बीते दो वर्षों की बारिश के बाद बोर का रिचार्ज होना भी खत्म हो जा रहा है ऐसे में पेयजल का गंभीर संकट बिलासपुर में है। शहर में 500  नगर निगम  के पावर पंप है  तथा हजारों की संख्या में घरों में होटलों में नर्सिंग होम में अस्पताल व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बोर किए गए हैं। इनसे रोजाना 8 से 10 करोड़ लीटर पानी भू-गर्भ से निकल जाता है। इसका उचित प्रबंधन  न होने से यह पानी बिना उपयोग के नालियों के माध्यम से नालों में हो कर अरपा में जाता है। इससे गंभीर बीमारियां जैसे पीलिया, हैजा ,संक्रमण का खतरा साल भर बना रहता है और लोग बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होते हैं । इस गंदे पानी से मच्छर भी पूरे बिलासपुर में फैल चुके हैं। इससे  डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियां पैर पसार रही हैं । पांडे ने कहा कि अरपा को कार्ययोजना बनाकर संरक्षित किया जा सकता है । नदी के दोनों किनारों में नाले बनाकर शहर से दूर चिल्हाटी और दोमुहानी में स्थित सीवरेज के एसटीपी प्लांट जिन की क्षमता 70 एमएलडी है, में भेज कर इस पानी का शोधन किया जाना चाहिए और इस पानी का सिंचाई या एनटीपीसी सीपत में किया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि इसके लिए मैंने बजट में शामिल करने हेतु लगभग 75 करोड का प्रस्ताव भेजा है लेकिन अब तक इस प्रस्ताव को बजट में शामिल नहीं किया गया है।

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