मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी ऊपर बाद में लाया गया, वे दिल्ली में होने के कारण नहीं आये

बाद के निमंत्रण पत्र में मुख्यमंत्री का नाम ऊपर रखा गया, विधायक का नाम भी जोड़ा गया।
बिलासपुर,14 सितंबर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह विवादों के बीच आज संपन्न हुआ। कार्यक्रम के पहले छपे निमन्त्रण पत्र से शहर विधायक शैलेश पांडेय का नाम गायब कर दिया गया था, वहीं मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल का नाम प्रोटोकॉल के विपरीत रखा गया था। मुख्यमंत्री और शहर विधायक इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हए।

शहर के कार्यक्रमों में विधायक पांडेय की उपेक्षा का सिलसिला लगातर चल रहा है। संगठन से जुड़े ही कुछ लोग इसमें शामिल हैं, जिनकी जिला प्रशासन में भी अच्छी पकड़ है। इसका असर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में भी देखा गया।

शहर विधायक की उपेक्षा के खिलाफ युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 12 सितम्बर को कुलपति कक्ष में घुसकर हंगामा किया था। तब कुलपति प्रो. गौरीदत्त शर्मा ने विधायक से सम्पर्क नहीं हो पाने का बहाना किया। बाद में उन्होंने अपनी गलती मानी और आनन-फानन दूसरा कार्ड छपवाया। इस नये निमन्त्रण पत्र में मुख्यमंत्री का नाम भी ऊपर रखा गया। हालांकि पुराना कार्ड अधिकांश आमंत्रितों को बांटा जा चुका था।

इस कार्यक्रम में ना तो सीएम आये और न ही विधायक पहुंचे। कार्यक्रम यूजीसी के चेयरमेन धीरेन्द्र पाल सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मन्त्री ताम्रध्वज साहू, उच्च शिक्षा एवं खेल युवा कल्याण मन्त्री उमेश पटेल, नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, सांसद अरुण साव व अन्य अतिथि मौजूद थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नहीं आने के बारे में कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया है कि वे दिल्ली प्रवास पर हैं, इसलिए समारोह में नहीं आ पाये, उन्होंने अपना शुभकामना संदेश दीक्षांत समारोह में भेजा। विधायक पांडेय ने अधिकारिक रूप से अपनी अनुपस्थिति के बारे में कोई बयान नहीं दिया लेकिन उनके करीबियों ने बताया है कि वे प्रोटोकॉल का उचित पालन नहीं किये जाने के कारण कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

 

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