लोकसभा में राहुल गांधी का ऑपरेशन सिंदूर पर लंबा भाषण

नई दिल्ली। लोकसभा में आज 16 घंटे चली बहस के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक लंबा और तीखा भाषण दिया, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित इस बहस में राहुल गांधी ने सेना की आजादी और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, जिससे संसद में हंगामा मच गया। उनका यह भाषण देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले की निंदा से की, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। उन्होंने इसे “पाकिस्तानी सरकार द्वारा आयोजित और षड्यंत्रित क्रूर हमला” बताया और कहा कि इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सदन के हर सदस्य ने इस घटना की निंदा की, लेकिन सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। राहुल ने दावा किया कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के हाथ बांध दिए, जिससे भारतीय वायुसेना के विमानों को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, “हमारे अफसर खुद बोल रहे हैं कि सरकार ने हमारे हाथ बांध रखे थे, इसलिए विमान नीचे गिरे।”

अपने भाषण में राहुल ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का जिक्र किया, जिसमें ट्रंप ने 25 बार कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। राहुल ने पीएम मोदी से साफ जवाब मांगा और चुनौती दी कि क्या वे लोकसभा में कह सकते हैं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और ऑपरेशन में कोई विमान नहीं खोया गया। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जी, आप कहें कि ट्रंप झूठा है, लेकिन आप चुप्पी साधे हुए हैं। यह देश आपकी छवि से बड़ा है, सेना आपके पीआर से ऊपर है।”

राहुल ने सरकार पर आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान को संदेश भेजा गया कि उनके सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया जा रहा, जो रक्षा नीति में कमजोरी दिखाता है। उन्होंने कहा, “1:05 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ और 1:35 बजे पाकिस्तान को फोन करके बता दिया गया कि हमने सिर्फ गैर-सैन्य ठिकाने मारे। यह सेना की आजादी छीनना है।” इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर सैनिकों को ठोस समर्थन न देने का भी इल्जाम लगाया और कहा कि सेना को राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ा।

भाषण के दौरान राहुल ने यह भी कहा कि सरकार ने पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव से बचने के लिए कायरता दिखाई। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे सेना के पायलटों को पाकिस्तानी वायु रक्षा पर हमला करने से रोका गया, जिससे ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठ रहे हैं। राहुल ने जोर देकर कहा, “आपने बाघ को पिंजरे में बंद कर दिया और उम्मीद की कि वह लड़ेगा। यह सेना के साथ धोखा है।”

विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल का यह भाषण काफी भावुक भी रहा। उन्होंने सेना के शौर्य को सलाम किया और कहा कि सैनिकों ने मुश्किल हालात में भी देश की रक्षा की, लेकिन सरकार ने उनका साथ नहीं दिया। उनके इस बयान पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तालियां बजाईं, जबकि भाजपा सांसदों ने इसका विरोध किया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल के बयानों को “असंवैधानिक” करार दिया और कहा कि यह सेना का अपमान है।

भाजपा की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने सफलता हासिल की और विपक्ष को राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। हालांकि, राहुल ने पलटवार करते हुए कहा कि सच्चाई छुपाई नहीं जा सकती और सरकार को जनता के सामने खुलासा करना होगा। इस बहस के बाद लोकसभा में हंगामा बढ़ गया, और स्पीकर को कई बार व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी देनी पड़ी।

राहुल गांधी का यह भाषण सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जहां अलग-अलग राय देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे सेना और देश के हित में उठाया गया साहसिक कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में सरकार का जवाब और इस मुद्दे पर आगे की बहस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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