प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन: आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता और प्रतिबद्धता जताई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात 8 बजे राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति पर विस्तार से बात की। यह संबोधन 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ, जिसे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
ऑपरेशन सिंदूर: न्याय की अटल प्रतिज्ञा
प्रधानमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक नाम नहीं है, यह देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतीक है। यह न्याय की अटल प्रतिज्ञा है।” उन्होंने 6 मई की देर रात और 7 मई की सुबह शुरू हुए इस ऑपरेशन को भारत की सैन्य क्षमता और धैर्य का प्रदर्शन बताया। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए।
मोदी ने पहलगाम हमले की नृशंसता का जिक्र करते हुए कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने जो बर्बरता दिखाई, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया। उन मासूम लोगों को, जो प्रकृति का आनंद ले रहे थे, उनके परिवारों के सामने मार दिया गया।” उन्होंने इस हमले को भारत की संप्रभुता पर हमला करार दिया और कहा कि हर आतंकी संगठन को अब पता है कि “हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होगा।”
भारतीय सेना को सलाम, मातृशक्ति को समर्पण
प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों की बहादुरी की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं हमारी सेना, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम करता हूं, जिन्होंने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।” उन्होंने इस ऑपरेशन की सफलता को देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित किया।

मोदी ने विशेष रूप से स्वदेशी रक्षा उपकरणों, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश सिस्टम, की तारीफ की, जिन्होंने पाकिस्तान के हमलों का मजबूती से जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सेना को आतंकियों को खत्म करने की पूरी छूट दी गई है।”
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को राज्य प्रायोजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दुनिया ने पाकिस्तान का असली चेहरा देख लिया, जब उनके सेना के उच्च अधिकारियों ने मारे गए आतंकियों को विदाई दी। इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है?”
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाता है। “बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद और PoK पर होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी सुरक्षा चाहता है, तो उसे अपने देश में आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा।
भारत की मजबूत हवाई रक्षा
मोदी ने भारत की हवाई रक्षा प्रणाली की ताकत पर भी प्रकाश डाला, जिसने पाकिस्तान के ड्रोन और मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) की कई लहरों को नाकाम किया। उन्होंने कहा, “हमारी स्वदेशी सॉफ्ट और हार्ड-किल काउंटर-यूएवी प्रणालियों ने पाकिस्तान के हमलों को विफल कर दिया।” भारतीय वायुसेना का एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण सिस्टम (IACCS) इस रक्षा नेटवर्क का आधार रहा।
उन्होंने पिछले एक दशक में भारत सरकार के निरंतर बजट समर्थन को इस सफलता का श्रेय दिया, जिसने स्वदेशी रक्षा तकनीकों के विकास को संभव बनाया।
भविष्य की नीति और वैश्विक संदेश
प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि भारत युद्ध का समर्थक नहीं है, लेकिन यह आतंकवाद का युग भी नहीं है। “हम हर बार अपने नागरिकों की रक्षा के लिए तैयार हैं और कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेंगे।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक नई रेखा खींचने वाला कदम बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने किसी अन्य देश के दबाव में यह कार्रवाई नहीं की। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के फैसले स्वतंत्र होंगे।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम
मोदी के संबोधन से कुछ घंटे पहले, भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक समझौता किया था। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता के बाद हुआ। हालांकि, पाकिस्तान ने शनिवार देर रात मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया।
प्रधानमंत्री ने इस संघर्ष विराम को स्थायी शांति की दिशा में एक कदम बताया, लेकिन चेतावनी दी कि भारत किसी भी उकसावे का और भी कड़ा जवाब देगा।
ऑपरेशन सिंदूर: न्याय की अटल प्रतिज्ञा
प्रधानमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक नाम नहीं है, यह देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतीक है। यह न्याय की अटल प्रतिज्ञा है।” उन्होंने 6 मई की देर रात और 7 मई की सुबह शुरू हुए इस ऑपरेशन को भारत की सैन्य क्षमता और धैर्य का प्रदर्शन बताया। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए।
मोदी ने पहलगाम हमले की नृशंसता का जिक्र करते हुए कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने जो बर्बरता दिखाई, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया। उन मासूम लोगों को, जो प्रकृति का आनंद ले रहे थे, उनके परिवारों के सामने मार दिया गया।” उन्होंने इस हमले को भारत की संप्रभुता पर हमला करार दिया और कहा कि हर आतंकी संगठन को अब पता है कि “हमारी बहनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होगा।”
भारतीय सेना को सलाम, मातृशक्ति को समर्पण
प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों की बहादुरी की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं हमारी सेना, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम करता हूं, जिन्होंने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।” उन्होंने इस ऑपरेशन की सफलता को देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित किया।
मोदी ने विशेष रूप से स्वदेशी रक्षा उपकरणों, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश सिस्टम, की तारीफ की, जिन्होंने पाकिस्तान के हमलों का मजबूती से जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सेना को आतंकियों को खत्म करने की पूरी छूट दी गई है।”
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को राज्य प्रायोजित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दुनिया ने पाकिस्तान का असली चेहरा देख लिया, जब उनके सेना के उच्च अधिकारियों ने मारे गए आतंकियों को विदाई दी। इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है?”
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाता है। “बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद और PoK पर होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी सुरक्षा चाहता है, तो उसे अपने देश में आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा।
भारत की मजबूत हवाई रक्षा
मोदी ने भारत की हवाई रक्षा प्रणाली की ताकत पर भी प्रकाश डाला, जिसने पाकिस्तान के ड्रोन और मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) की कई लहरों को नाकाम किया। उन्होंने कहा, “हमारी स्वदेशी सॉफ्ट और हार्ड-किल काउंटर-यूएवी प्रणालियों ने पाकिस्तान के हमलों को विफल कर दिया।” भारतीय वायुसेना का एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण सिस्टम (IACCS) इस रक्षा नेटवर्क का आधार रहा।
उन्होंने पिछले एक दशक में भारत सरकार के निरंतर बजट समर्थन को इस सफलता का श्रेय दिया, जिसने स्वदेशी रक्षा तकनीकों के विकास को संभव बनाया।
भविष्य की नीति और वैश्विक संदेश
प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि भारत युद्ध का समर्थक नहीं है, लेकिन यह आतंकवाद का युग भी नहीं है। “हम हर बार अपने नागरिकों की रक्षा के लिए तैयार हैं और कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेंगे।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक नई रेखा खींचने वाला कदम बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने किसी अन्य देश के दबाव में यह कार्रवाई नहीं की। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के फैसले स्वतंत्र होंगे।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम
मोदी के संबोधन से कुछ घंटे पहले, भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए एक समझौता किया था। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता के बाद हुआ। हालांकि, पाकिस्तान ने शनिवार देर रात मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू किए, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया।
प्रधानमंत्री ने इस संघर्ष विराम को स्थायी शांति की दिशा में एक कदम बताया, लेकिन चेतावनी दी कि भारत किसी भी उकसावे का और भी कड़ा जवाब देगा।