बिलासपुर। शहर की पांच सरकारी राशन दुकानों में गरीबों के लिए भेजा गया चावल, शक्कर और नमक गबन किए जाने का बड़ा मामला सामने आया है। खाद्य विभाग ने 16 लोगों को नोटिस जारी किया है, जिनमें पूर्व एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अमितेश राय और पार्षद के पति जुगल किशोर गोयल भी शामिल हैं। सभी संबंधित दुकान समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या विक्रेता के पदों पर हैं। अब विभाग FIR दर्ज कराने की तैयारी में है।


वार्ड 42 की दुकान में सबसे बड़ा गबन, पूर्व NSUI नेता पर आरोप

वार्ड नंबर 42 में संचालित ‘खैर माता फूड सिक्योरिटी न्यूट्रिशन को-ऑपरेटिव सोसायटी’ की दुकान से 285.48 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर और 3.35 क्विंटल नमक की भारी कमी पाई गई। इस दुकान का संचालन अमितेश राय कर रहे थे, जो कांग्रेस सरकार में अर्पा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे अभय नारायण राय के पुत्र हैं। विभाग ने 23 सितंबर 2024 को जांच की थी, और 5 अक्टूबर को दुकान को गौरी महिला बहुद्देशीय समिति को स्थानांतरित कर दिया गया।

गायब राशन की कीमत लगभग 11.98 लाख रुपये आँकी गई है। बीते 10 महीनों में खाद्य विभाग ने बार-बार नोटिस जारी किया, लेकिन न तो जवाब आया और न ही राशन की भरपाई हुई। अब अमितेश राय पर FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।


वार्ड 38 की दुकान में भी भारी गड़बड़ी, पार्षद पति समेत तीन को नोटिस

‘जय मातादी प्राइमरी कंज्यूमर स्टोर’, वार्ड 38, टिकरापारा में 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर की कमी मिली है। इसका मूल्य 8.05 लाख रुपये है। इस दुकान के प्रबंधन समिति अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को नोटिस भेजा गया है।


अन्य दुकानों में भी लाखों का राशन गायब

  • मां अन्नपूर्णा दुकान (वार्ड-?):
    • 182.32 क्विंटल चावल और 1.18 क्विंटल नमक गायब
    • मूल्य: 7.66 लाख रुपये
    • नोटिस: गीताांजली यादव (अध्यक्ष), कमल राजक (सचिव), रविंद्र यादव (विक्रेता)
  • मां भवानी राशन दुकान (वार्ड 39):
    • 306.68 क्विंटल चावल, 4.59 क्विंटल शक्कर, 1.69 क्विंटल नमक की कमी
    • मूल्य: 13.08 लाख रुपये
  • महिला शक्ति राशन दुकान (वार्ड 47):
    • 118.70 क्विंटल चावल, 3.23 क्विंटल शक्कर गायब
    • मूल्य: 5.12 लाख रुपये
    • नोटिस: पूनम गुप्ता (अध्यक्ष), दुर्गा धुरी (सचिव), राजीव गुप्ता (विक्रेता)
  • जोगमाया फूड कमेटी (वार्ड 48):
    • राशन घोटाले का मूल्य: 8.37 लाख रुपये
    • नोटिस: जोगमाया (अध्यक्ष), कृष्णा भट्टाचार्य (उपाध्यक्ष), शंख भट्टाचार्य (विक्रेता)

राजनीतिक संरक्षण में खुला खेल, बदलते सरकार के साथ शुरू होती है जांच

खाद्य विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि राशन दुकानों पर राजनीतिक प्रभाव का दखल है। बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेता या उनके करीबी ही दुकानें चलाते हैं। सत्ता में रहते हुए इन दुकानों की जांच नहीं होती, लेकिन सरकार बदलते ही कार्रवाई शुरू होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। अगर खाद्य विभाग निष्पक्ष जांच करे, तो और भी बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो सकता है।


क्या बोले खाद्य नियंत्रक?

“खाद्यान्न में अनियमितता पाई गई है। कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी जवाब नहीं मिला। अब जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
अनुराग सिंह भदौरिया, खाद्य नियंत्रक

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