आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों का होगा संयुक्त प्रशिक्षण एवं प्रभावी समन्वय 

बिलासपुर। रेल हादसों के दौरान “गोल्डन आवर” यानी दुर्घटना के तुरंत बाद के महत्वपूर्ण समय में त्वरित राहत और बचाव सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय रेलवे आपदा प्रबंधन संस्थान (IRIDM) के बीच सोमवार को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह समझौता नई दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड के पंचवटी कॉन्फ्रेंस रूम में हुआ, जिसमें आरपीएफ की ओर से बी. वी. राव, एनडीआरएफ की ओर से नरेंद्र सिंह बुंदेला और आईआरआईडीएम की ओर से निवास ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) आर. राजगोपाल, डीजी/एचआर सु. अरुणा नायर, डीजी/एनडीआरएफ पियूष आनंद, डीजी/आरपीएफ सु. सोनाली मिश्रा सहित दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


“सतर्क समन्वय ही बचाव की कुंजी”- DG सोनाली मिश्रा

रेलवे सुरक्षा बल की महानिदेशक सोनाली मिश्रा ने कहा कि सभी हितधारकों के बीच प्रभावी सहयोग और स्पष्ट एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) बनाना आवश्यक है ताकि राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर देरी न हो।

रेलवे बोर्ड सदस्य आर. राजगोपाल ने कहा कि मानवकृत आपदाओं के साथ-साथ चक्रवात, अत्यधिक वर्षा और लू जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरपीएफ अकादमी और आईआरआईडीएम की प्रशिक्षण पहलों की सराहना की, जो “गोल्डन आवर” के दौरान राहत को और अधिक प्रभावी बनाती हैं।

डीजी/एनडीआरएफ पियूष आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा प्रबंधन में शामिल सभी एजेंसियों को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए और रेलवे की अन्य इकाइयों को भी प्रशिक्षण प्रयासों में शामिल किया जाना चाहिए।


समझौते की प्रमुख विशेषताएँ

  • गोल्डन आवर पर फोकस: प्रत्येक ड्रिल और प्रोटोकॉल इस तरह तैयार किया जाएगा कि दुर्घटना के बाद के पहले महत्वपूर्ण मिनटों में कोच तक त्वरित पहुँच, प्राथमिक उपचार और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके।
  • रेलवे-विशिष्ट प्रथम प्रतिक्रिया: आरपीएफ विशेष रूप से कोच और ट्रैक आधारित बचाव क्षमताओं का विकास करेगी, ताकि घटना स्थल पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  • एकीकृत एसओपी: आईआरआईडीएम सभी एजेंसियों के लिए साझा मानक संचालन प्रक्रियाएँ तैयार करेगा, जिनमें प्रवेश क्रम, कटिंग प्लान, स्थिरीकरण और रोगी निकासी शामिल होंगे।
  • संयुक्त प्रशिक्षण व्यवस्था:
    • मॉड्यूल ए: जगजीवन राम आरपीएफ अकादमी (JR RPFA) में आधारभूत प्रशिक्षण।
    • मॉड्यूल बी: नामित एनडीआरएफ बटालियनों में फील्ड सेंसिटाइजेशन।
    • मॉड्यूल सी: आईआरआईडीएम, बेंगलुरु में संयुक्त सिमुलेशन-आधारित उन्नत प्रशिक्षण।
  • स्पष्ट भूमिकाएँ और जवाबदेही:
    • JR RPFA को नोडल हब के रूप में नामित किया गया है।
    • NDRF बटालियन स्तर पर सेंसिटाइजेशन प्रशिक्षण आयोजित करेगा।
    • IRIDM उन्नत परिदृश्य-आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करेगा।

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