हाईलाइट्स-

  • सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पिछले 3 सालों में 200 से ज्यादा ट्रेनों के रद्द होने का मुद्दा उठाया।
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छत्तीसगढ़ की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए नई रेल लाइनों के निर्माण की जानकारी दी।
  • छत्तीसगढ़ में 32% जनसंख्या आदिवासी और 12% अनुसूचित जाति की है, जहां आवागमन की सुविधा सीमित है।
  • छत्तीसगढ़ में 25 रेलवे परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी कुल लागत करीब 37 हजार करोड़ रुपए है।

रायपुर। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को संसद में छत्तीसगढ़ में बार-बार यात्री ट्रेनों के रद्द होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने पूछा, “छत्तीसगढ़ जहां पर 32 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी और 12 प्रतिशत अनुसूचित जाति की है, वहाँ कितनी ट्रेनें निरस्त की गईं और छत्तीसगढ़ के जोन से रेलवे को कितना राजस्व मिलता है? दूरूह क्षेत्रों में रेलवे पटरी बिछाने के लिए क्या योजनाएं हैं?”

रेल मंत्री का जवाब: नई रेल लाइनों से बढ़ेगी क्षमता

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल और महत्वपूर्ण राज्य है, लेकिन दुर्भाग्य से एक लंबे समय तक रेलवे के विकास के लिए पर्याप्त फंड नहीं दिए जाते थे। अब फंड भी दिए जा रहे हैं और काम भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों में 56 मेल एक्सप्रेस और 121 पैसेंजर ट्रेनें थीं, लेकिन आज 58 मेल एक्सप्रेस और 128 पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं।

छत्तीसगढ़ में रेलवे परियोजनाओं की स्थिति

रेलमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में करीब 37 हजार करोड़ रुपए की 25 परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें 8 नई लाइनें और 17 दोहरीकरण परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 2,731 किलोमीटर है। रेल मंत्री ने बताया कि ट्रेन रद्द होने की मुख्य वजह रेललाइनों के दोहरीकरण और तिहरीकरण के दौरान इंटरलॉकिंग है। इस समस्या के समाधान के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है, जिससे जल्द ही रेल यात्रियों को हो रही परेशानियों से निजात मिल जाएगी और रेल यात्रा पहले से ज्यादा सुगम हो जाएगी।

रायपुर और बिलासपुर मंडल में राजस्व वृ‌द्धि

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रायपुर और बिलासपुर मंडल द्वारा अन्य गैर-किराया राजस्व कार्यकलापों जैसे रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क, आउट ऑफ होम विज्ञापन, रेलगाड़ियों पर विज्ञापन, एटीएम और स्टॉल आदि से मिलने वाले राजस्व में पिछले कुछ समय से वृ‌द्धि देखी गई है।

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