भाजपा सांसद साव सहित कांग्रेस भाजपा के 12 नेता एक साथ करेंगे रावण दहन

बिलासपुर। नगर निगम के दशहरा उत्सव में विधायक शैलेष पांडेय अतिथि तो होंगे पर 11 अन्य अतिथियों के साथ। इसके साथ ही विधायक को मुख्य अतिथि बनाने की 26 साल पुरानी परंपरा कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते टूट गई। आमंत्रितों की सूची में सबसे ऊपर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद अरुण साव का नाम रखा गया है।
पुलिस ग्राउंड का दशानन।

नगर निगम की ओर से स्थानीय पुलिस ग्राउंड में सन् 1996 से तत्कालीन महापौर राजेश पांडेय के कार्यकाल में रावण दहन की परंपरा शुरू की गई थी। नगर-निगम की मेयर इन कौंसिंल से यह प्रस्ताव तब पारित किया गया था कि समारोह के मुख्य अतिथि शहर विधायक होंगे। इस परम्परा की शुरुआत कराने वाले स्व. बीआर यादव को विधायक रहते हुए तो रावण दहन का अवसर मिला पर उसके बाद जब अमर अग्रवाल विधायक निर्वाचित हुए तो उन्होंने लगातार 20 सालों तक इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए रावण दहन किया।

बिलासपुर में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर है। यहां छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव का गुट विधायक शैलेष पांडेय पर भारी पड़ता है। जिले व शहर के प्रमुख पदों पर उनके पसंद के पदाधिकारी ही हैं। यह भी दिलचस्प है कि शहर विधायक होने के बावजूद पांडेय को अब तक एक भी बार गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस समारोह में झंडारोहण का मौका नहीं मिला है।

कुछ दिन पहले जब नगर निगम सभापति नजीरुद्दीन ने मीडिया को बताया कि वित्तीय संकट के चलते इस बार परेड ग्राउंड में दशहरा उत्सव नहीं रखा जाएगा, तब विवाद खड़ा हो गया। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल व कांग्रेस के कई नेताओं ने इस फैसले को गलत बताया। भाजपा पार्षद दल ने परेड ग्राउंड में रावण दहन की अनुमति भी जिला प्रशासन से मांगी। इधर विधायक शैलेष पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पंडरिया के कार्यक्रम में मुलाकात की और परेड ग्राउंड की परंपरा जारी रखने के लिए कलेक्टर को निर्देश देने की मांग की। इसके बाद नगर निगम का पूरा अमला परेड ग्राउंड में रावण दहन की तैयारियों में जुट गया।

महापौर रामशरण यादव ने सभापति नजीरुद्दीन के बयान से बचते हुए कहा कि रावण दहन स्थगित करने का फैसला किसी ने लिया ही नहीं है, सभापति ने क्या कहा उनको पता ही नहीं, हम तो तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद लोगों में जिज्ञासा थी कि क्या विधायक शैलेष पांडेय मुख्य अतिथि होंगे?

मंगलवार शाम को नगर निगम की ओर से सूचित किया गया कि इस कार्यक्रम में 12 अतिथि होंगे। इसमें सांसद अरुण साव, संसदीय सचिव व तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, विधायक शैलेष पांडेय, महापौर रामशरण यादव, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक, नगर निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी, मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र धीवर तथा राज्य युवा आयोग के सदस्य रविंद्र सिंह ठाकुर शामिल किए गए हैं।

इस सूची में अन्य अतिथियों के बीच शहर विधायक शैलेष पांडेय को मुख्य अतिथि न बनाकर अन्य अतिथियों के साथ नाम रखने की न केवल कांग्रेस में बल्कि शहर में चर्चा हो रही है। लोग इसे कांग्रेस की गुटबाजी का नतीजा बता रहे हैं। लंबी सूची बनाकर सबको संतुष्ट रखने का प्रयास जरूर किया गया है लेकिन इसमें नगर निगम क्षेत्र के तीन भाजपा विधायकों को शामिल नहीं करने पर विवाद खड़ा हो गया है। सूची में तखतपुर की कांग्रेस विधायक शामिल हैं, पर बेलतरा, मस्तूरी व बिल्हा के विधायक नहीं हैं। इन तीनों जगहों पर भाजपा के विधायक क्रमशः रजनीश सिंह, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी और धरमलाल कौशिक हैं। बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि बेलतरा के 17 वार्ड नगर निगम बिलासपुर में आते हैं। यहां के विधायक को हर बार दशहरा में आमंत्रित किया जाता था लेकिन इस बार नहीं किया गया। यह कांग्रेस की आपसी लड़ाई का परिणाम है।

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