बिलासपुर। सात माह पहले हिर्री में हुई एक युवक की हत्या के फरार आरोपियों को पुलिस ने जबलपुर और सतना से गिरफ्तार किया है। तहकीकात से मालूम हुआ कि दोनों आरोपी तंत्र मंत्र के जरिये पिछले 9 साल से गड़े धन की तलाश कर रहे थे और इस काम में मृतक को भी उन्होंने शामिल कर लिया था। बाद में उन्हें लगा कि उसकी बलि देने से धन मिल जायेगा।
13 अप्रैल को हिर्री के राम प्रसाद साहू ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके छोटे भाई सुरेश कुमार साहू की किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से हत्या कर दी है। उसके गले और चेहरे पर वार के निशान दिख रहे हैं।
एडिशनल एसपी रोहित झा व थाना प्रभारी शांत कुमार साहू ने बताया कि तहकीकात के दौरान पुलिस ने मृतक की पृष्ठभूमि निकाली। पता चला कि मृतक जादू-टोने के जरिये गड़े धन की तलाश में रहता था। इसके बाद मृतक के संपर्क में रहने लोगों की खोजबीन शुरू की गई। पुलिस को मालूम हुआ कि उसके दो साथी सुभाष दास मानिकपुरी (42 वर्ष) और माखन दास (40 वर्ष) गायब हैं। दोनों सिरगिट्टी में रहते हैं। पर सुभाष मूल रूप से सरगुजा जिले के लखनपुर का रहने वाला है।
यह भी मालूम हुआ कि इनकी चाल-चलन की वजह से कई वर्षों से दोनों का अपने परिवार वालों से संपर्क नहीं था, जिसके कारण उनके घरों से पुलिस के काम की कोई जानकारी नहीं मिल पाई। बीते सात माह तक पुलिस उनकी खोजबीन में लगी रही। कुछ दिन पहले सुराग मिलने पर पुलिस ने सतना के मेडिकल कॉलेज से एक आरोपी माखन दास को हिरासत में ले लिया। दूसरे आरोपी सुभाष दास के बारे में उसी से जानकारी मिल गई। वह जबलपुर की एक जगह पर गार्ड का काम करते हुए पकड़ा गया। पूछताछ करने पर दोनों ने जुर्म कबूला और बताया कि गड़े धन के लालच में उन्होंने ही सुरेश साहू की बलि दी। गड़े धन की तलाश में वे सन् 2012 से जादू टोना का प्रयोग करते आ रहे हैं। सुभाष पहले से इस काम में लगा था। बाद में उसकी पहचान माखन दास से हुई। माखन उसे नए-नए लोगों से उसे मिलवाता था। कोई पारिवारिक समस्या रहती थी तो सुभाष जादू-टोने से ठीक करने का दावा कर लोगों से पैसे वसूल करता था। इसी दौरान माखन ने अपने पूर्व परिचित गांव के सुरेश साहू से भी सुभाष का परिचय कराया। सुरेश भी कई साल से गड़े धन की तलाश कर रहा था। तीनों यूट्यूब से नए-नए वीडियो देखते और उस पर अलग-अलग जगह प्रयोग करते थे। इसी बीच सुभाष और माखन को अंदाजा हुआ कि किसी युवक की बलि देने से उनको गड़ा धन मिल सकता है। दोनों ने सुरेश की हत्या करने की योजना बना ली। उन्होंने नवरात्रि के पहले वाली अमावस्या के दिन गांव से बाहर एक सूनसान जगह पर तांत्रिक क्रिया की और उसके बाद कुल्हाड़ी से सुरेश की हत्या कर दी। पकड़े जाने के भय से वे फरार हो गये थे। पुलिस दोनों से पूछताछ कर अन्य तथ्यों की जानकारी ले रही है।