बिलासपुर. “घर की जिम्मेदारी मेरी बहन के कंधे पर था, वह खुदकुशी नहीं कर सकती। मेरी बहन की हत्या की गई है। वह अपार्टमेंट क्यों गई, वहां उसके साथ क्या हुआ, इसकी पुलिस को जांच करनी चाहिए। दुकान संचालक और उसके परिवार की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस को उनसे कड़ाई से पूछताछ करनी चाहिए। जिस तरह से खुशबू का शव जमीन पर पड़ा मिला, देखने से बिल्कुल ही खुदकुशी जैसा नहीं लगता। उसकी सैंडिल पैर पर ही थे। यह हत्या का केस है। हमारा परिवार जानना चाहता है कि दुकान संचालक के अपार्टमेंट में उस दिन क्या हुआ था। दुकान संचालक पर हत्या करने का संदेह है। बहन के साथ जो हुआ उसके जिम्मेदार केवल राजेश गुप्ता और उसका परिवार है।”

यह कहना है खुशबू के भाई विवेक का। ज्ञात हो कि 28 वर्षीय खुशबू विश्वकर्मा की ग्रीन गार्डन कॉलोनी स्थित गोल्डन ब्लॉक अपार्टमेन्ट के पांचवे ब्लॉक से गिरने पर मौत हो गई। इस अपार्टमेन्ट में उस राजेश गुप्ता का भी फ्लैट है, जिसके दुकान में वह कोरोना लहर से पहले काम करती थी। पुलिस ने जिस दुकान में युवती काम करती थी वहां के संचालक और कर्मचारियों के बयान लिए। युवती 24 जून की दोपहर दुकान पहुंची थी। यहां उसका झगड़ा हुआ और दुकानदार ने उसे बाहर जाने के लिए कहा। वह काम करना चाहती थी पर दुकानदार उसे भगा दिया। दुकान से वह गुस्से से निकली थी। इसके कुछ देर बाद ही उसके अपार्टमेंट से गिरने की खबर मिली। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उसने तैश में आकर खुदकुशी कर ली। पुलिस को युवती का मोबाइल भी मिल गया। इसे वह अपने घर में ही छोड़कर गई थी। मोबाइल बंद होने के कारण का पता नहीं चला पा रहा था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि छह माह पहले जब खुशबू को नौकरी से छुड़ाया गया तो उसे 10 हजार रुपये वेतन दिया जाता था और वह वहां कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करती थी। उसे छुड़ाने के बाद एक दूसरी युवती को काम पर रखा गया है जिसे 6 हजार रुपये वेतन दिया जाता है।

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