मैनपाट के प्रशिक्षण शिविर में बोले भाजपा अध्यक्ष, गैरजरूरी बयानों से बचें और संगठन से जुड़ें
अंबिकापुर। मैनपाट की हरी-भरी वादियों में आयोजित भाजपा के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का सख्त और साफ संदेश सुनने को मिला। उन्होंने कहा, “आप विधायक और सांसद बन गए हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप ही सबसे ऊपर हैं। ठेकेदारों से दूर रहिए, वरना जनता अगली बार मौका नहीं देगी।” उन्होंने पार्टी जनप्रतिनिधियों को आगाह किया कि सत्ता के साथ विनम्रता और अनुशासन भी जरूरी है।
नड्डा ने बिना लाग-लपेट के कहा कि नेताओं को मीडिया में गैरजरूरी बयानबाजी से बचना चाहिए और संगठन से तालमेल बढ़ाकर जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए। उन्होंने डबल इंजन की सरकार के विकास कार्यों को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान किया।
सत्र में क्या-क्या हुआ?
शिविर में सभी सांसदों और विधायकों को भाजपा की कार्यप्रणाली, संगठनात्मक संस्कृति, चुनावी रणनीतियों और जनकल्याण योजनाओं की जानकारी दी गई। खास बात यह रही कि इस शिविर में मोबाइल फोन पूरी तरह बैन थे।
सभी जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को शिविर हॉल में प्रवेश से पहले अपने मोबाइल बाहर जमा कराने पड़े ताकि सत्र की बातें गोपनीय बनी रहें और फोकस बना रहे।
अनुशासन के माहौल में प्रशिक्षण
इस बार शिविर को पूरी तरह अनुशासित माहौल में रखा गया। अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग विषयों पर संगठन के वरिष्ठ नेताओं ने मार्गदर्शन दिया। नए विधायकों के लिए यह पहला ऐसा अवसर था, जब उन्हें संगठन की रीति-नीति को गहराई से जानने का मौका मिला।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लगभग दो घंटे शिविर में रुके और उसके बाद हवाई मार्ग से दिल्ली रवाना हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, संगठन महामंत्री अजय जामवाल, संगठन मंत्री पवन साय सहित सभी बड़े नेता मौजूद रहे।
कौन-कौन रहा मौजूद और कौन नहीं आया?
शिविर में प्रदेश के सभी 10 सांसद, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, 52 विधायक और संगठन के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा शिविर में उपस्थित नहीं रहे।