रायपुर। ओबीसी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल का आज सुबह 6:00 बजे रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सूचना मिलने पर भूपेश बघेल दिल्ली से लौट रहे हैं।
89 वर्षीय नंदकुमार बघेल पिछले तीन माह से श्री बालाजी हॉस्पिटल में भर्ती थे। चिकित्सकों के मुताबिक उम्र के चलते हुए कमजोर हो चुके थे। आज सुबह उन्होंने आखरी सांस ली।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आज सुबह एक्स हैंडल पर ट्वीट करके कहा की अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि बाबूजी श्री नंद कुमार बघेल का आज सुबह निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर पाटन सदन में रखा गया है। छोटी बहन के विदेश से लौट के बाद 10 जनवरी को गुरुग्राम कुरूदडीह में उनका अंतिम संस्कार होगा।
नंदकुमार बघेल दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान और उनमें चेतना जगाने के लिए लगातार काम करते थे। इस सिलसिले में वे देशभर का दौरा करते थे। उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था। वे ब्राह्मणवाद के घोर विरोधी थे। उन्होंने ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो नाम से एक किताब भी लिखी थी। इसके चलते कांग्रेस की पहली सरकार के दौरान उनको गिरफ्तार भी किया गया था। दूसरी बार वे 3 साल पहले तब गिरफ्तार किए गए थे जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। वे सनातन धर्म के प्रति अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के झुकाव के  विरोधी थे। उन्होंने एक बार पाटन विधानसभा क्षेत्र में अपने इन्हीं विचारों के कारण भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव प्रचार भी किया था। अपनी पत्नी के निधन के बाद नंद कुमार बघेल ने उनका अंतिम संस्कार बौद्ध रीति रिवाज से किया था जबकि परिवार के अन्य सदस्यों ने हिंदू संस्कारों के अनुसार अंत्येष्टि की।

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