बिलासपुर। लाल बहादुर शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल मैदान में नौ दिवसीय पुस्तक मेले का मंगलवार को उद्घाटन हुआ।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास( एनबीटी) ने इस मेले में सभी अतिथियों का स्वागत अपनी परंपरा के अनुसार पुस्तकें भेंट कर किया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वंश गोपाल सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन से पुस्तकधर्मिता के प्रति एक अलख जगती है। रचनाकार जुड़ते हैं। युवा पीढ़ी में उत्सुकता जगती है। पुस्तकें आपको बेहतर इंसान बनाने के लिए आमन्त्रित करती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गौरी दत्त शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक मेला निश्चित ही पाठकों में एक संस्कार विकसित करेगा।  न्यास ने दूरस्थ इलाके में यह कार्यक्रम रखा है, जिसके लिए वह बधाई का पात्र है। प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बावजूद पुस्तकों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई है। आज इंटरनेट में भी पुस्तकें बेहतर विकल्प है। सभी की रुचि के अनुसार पुस्तकें इस मेले में मौजूद हैं। ये पाठकों को लक्ष्य के करीब ले जाएंगीं।

राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा कि संस्कारधानी बिलासपुर में एनबीटी का पुस्तक मेला अवश्य ही सार्थक परिणाम देगा। आज लोग कहते है कि पठनीयता कम हो गई है,यह सही नहीं है। आज भी पुस्तकें पढ़ी जा रही हैं। पुस्तकें ही मनुष्य को संस्कारित करती है। भाषा हमें सामर्थ्यवान बनाती है।

जिलाधीश डॉ संजय अलंग ने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, प्रकाशन के संदर्भ में इन दिनों बेहद सक्रिय है। न्यास के अध्यक्ष व निदेशक साधुवाद के पात्र हैं, जिन्होंने बिलासपुर को पुस्तक मेले के आयोजन के लिए चुना। पुस्तकों में वह शक्ति है जो आपको साक्षर तो करती है साथ ही उसकी खुश्बू भी आनंदित करती है। पुस्तकें अनंत हैं इनमें जितना डूबेंगे, उतना ही आप आगे बढ़ेंगे। पुस्तकें आपको ही नहीं आपके बच्चों को भी सुसंस्कृत करती है।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सहायक निदेशक सुभाशीष दत्ता ने कहा कि बिलासपुर में दूसरी बार पुस्तक मेला आयोजित हो रहा है। इस मेले में हजारों की संख्या में पुस्तकें प्रदशित की गई है। कई प्रदेशों के प्रकाशक भागीदारी कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि न्यास पाठकों की अपेक्षा पर खरा उतरेगा।

मंच का संचालन एनबीटी हिंदी के संपादक व छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी डॉ ललित किशोर मंडोरा ने किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास विगत 60 वर्षों से अधिक समय से पुस्तक उन्नयन की दिशा में अग्रसर है। न्यास भारत सहित विदेशों में आयोजित पुस्तक मेलों में प्रतिनिधित्व करता है। डॉ मंडोरा ने आगामी जनवरी माह में प्रगति मैदान में आयोजित किये जा रहे विश्व पुस्तक मेले की भी जानकारी साझा की।उद्घाटन अवसर पर स्कूली बच्चों के अलावा स्थानीय बुद्धिजीवी, गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। इनमें प्रमख रूप से द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, रामकुमार तिवारी, डॉ सुधाकर बिबे, राजेन्द्र मोर्य, महेश श्रीवास, अर्पण कुमार, रामेश्वर गुप्ता, श्रीकुमार पांडेय, नितेश पाटकर, सनत तिवारी, के के पाठक, अजय शर्मा, बल्लू दुबे आदि शामिल थे।

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