बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें राज्यभर के न्यायालयों में रिकॉर्ड 38 लाख 98 हजार 415 मामलों का निराकरण किया गया। इस दौरान ₹593 करोड़ 61 लाख से अधिक राशि के अवार्ड पारित किए गए।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने राज्य के सभी जिला एवं सत्र न्यायालयों की कार्यवाही का वर्चुअल निरीक्षण किया। उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में गठित दोनों खंडपीठों के पीठासीन न्यायाधीश जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल से भी चर्चा की।
तकनीक के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई और मोबाइल वैन की मदद से भी पक्षकारों को जोड़कर मामलों का समाधान किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस संजय के. अग्रवाल (कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) और अन्य सभी जजों को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी।
बिलासपुर व जीपीएम जिले में भी बड़ी सफलता
बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आयोजित लोक अदालत में 9 लाख 8 हजार 237 मामलों का निराकरण किया गया। इनमें मोहल्ला लोक अदालत के तहत बस स्टैंड, बंधवापारा, हेमूनगर और अटल आवास जैसे क्षेत्रों में 7714 मामले सुलझाए गए।
लोक अदालत के लिए जिले में 36 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान बिलासपुर और जीपीएम जिले में 22 हजार 375 लंबित मामले तथा 8 लाख 85 हजार 862 प्री-लिटिगेशन मामले आपसी सहमति से सुलझाए गए।
इस आयोजन का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने महात्मा गांधी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया।