बिलासपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 11 सितंबर शनिवार को नेशनल लोक अदालत रखी गई है।

इस लोक अदालत में साधारण आपराधिक प्रकरण, सेक्शन 138 के मामले, राशि वसूली के मामले, एमएससीटी के केस, कर्मचारी एवं रोजगार संबंधी विवाद, बिजली पानी बिल और ऐसे भुगतान के मामले जिनमें सजा न हो समझौते के लिये रखे जा सकते हैं। इसके अलावा तलाक को छोड़कर वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण के ऐसे मामले जो सिविल कोर्ट क्रिमिनल में लंबित हैं, सर्विस मैटर जिनमें भुगतान लाभ प्राप्त करना है प्रस्तुत किया जा सकते हैं। जिला न्यायालय एवं हाईकोर्ट में लंबित राजस्व के मामले तथा अन्य सिविल मामले जैसे किराया आधिपत्य आदि के प्रकरणों को आपसी राजीनामे के तहत सुलझाया जाएगा।

हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव देवेंद्र कुमार ने बताया है कि लोक अदालत वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति दोनों ही रखी जा सकती है। इस पर निर्णय स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा महामारी संबंधी जारी होने वाले दिशा निर्देश के आधार पर लिया जायेगा।

विधिक सेवा समिति ने कहा है कि उपरोक्त विषयों में अथवा इसी तरह के अन्य विषयों में जो पक्षकार विवादों का निपटारा आपसी समझौते से करना चाहते हैं वे 20 अगस्त तक अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। सभी संबंधितों से इसके आयोजन में सहयोग करने की अपील भी की गई है।

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