राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का हाईकोर्ट में जवाब
बिलासपुर। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लिखित जवाब देकर आश्वस्त किया है कि राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिये सीटें आरक्षित की जायेंगी। आयोग ने कहा है कि अम्बिकापुर में भी सीटें आरक्षित की जा सकती है लेकिन इसके लिये राज्य सरकार को आवेदन देना होगा।
नीट 2020 की परीक्षा में शामिल हुए छात्र सुजल वर्मा ने अधिवक्ता राहुल तामस्कर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मेडिकल कॉलेजों में 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये दिये जाने का प्रावधान है। इस नियम का पालन अन्य मेडिकल कॉलेजों में किया गया है परन्तु राजनांदगांव और अम्बिकापुर में नहीं किया गया। इसके चलते इस वर्ग के छात्रों को प्रवेश में लाभ नहीं मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस पी.आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की बेंच में इस मामले की सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने चिकित्सा आयोग से इस बारे में जवाब प्रस्तुत करने कहा था।
आयोग की ओर से बताया गया है कि राजनांदगांव में आर्थिक कमजोर वर्ग के लिये सीट आरक्षित की जा रही है ऐसा पिछले वर्ष भी किया गया था। अम्बिकापुर के मेडिकल कॉलेज में भी सीटें दी जा सकती है लेकिन इसके लिये राज्य सरकार आवेदन करे।