सीएमएचओ ने सेंटर के प्रभारी डॉक्टर को नोटिस जारी किया

बिलासपुर/ उस्मान कुरैशी/। रतनपुर के क्वारांटीन सेंटर में हुई मजदूर के मामले में वहां के प्रभारी डॉकटर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। मजदूर को मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम नहीं किया गया। मृतक के परिजनों के आने के बाद जोखिम के साथ शव को क्वारांटीन सेंटर से बाहर लाने वाले परिजनों को कोई सुरक्षा किट भी नहीं दी गई थी।


बीते 17 जून की सुबह जागेश्वर यादव, मानिकचौरी (मस्तूरी) की शासकीय महामाया महाविद्यालय रतनपुर के क्वारांटीन सेंटर में मौत हो गई। मौत के बाद सेंटर के प्रभारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव वहां एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को लेकर पहुंचे। वे खुद शव के नजदीक नहीं फटके। कर्मचारी ने शव का परीक्षण किया और डॉक्टर ने जागेश्वर को मृत घोषित कर दिया। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने इस लापरवाही को लेकर डॉ. श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मृत मजदूर का पोस्टमार्टम नहीं कराने के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाता, जबकि मृतक का कोरोना टेस्ट हुआ ही नहीं। दूसरी तरफ शव को पॉलिथिन में कोरोना मरीज की तरह ही बंद करके मृतक के गांव छोड़ा गया। कोरोना मृत्यु के शवों को हाथ लगाने वालों को पीपीई किट सहित तमाम सावधानी बरतनी चाहिये लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर विजय चंदेल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जो मृतक के शव को पॉलिथिन पर लपेट रहे थे उन्होंने पीपीई किट तो दूर दास्ताने भी नहीं पहने न ही मास्क का इस्तेमाल किया।

रतनपुर क्वारांटीन सेंटर में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ऐसी परिस्थिति के लिये अलग से कोई किट या दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है।

इस बारे में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन और रतनपुर क्वारांटीन सेंटर के प्रभारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव से उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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