बिलासपुर। बिलासपुर का निषाद समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी बिलासपुर यात्रा के दौरान बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट को 4C श्रेणी में उन्नत करने के लिए 300 करोड़ रुपये की घोषणा की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल करेगा। यह आंदोलन 27 मार्च, गुरुवार को राघवेंद्र राव सभा भवन प्रांगण में महाधरना के रूप में आयोजित किया जाएगा।
बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास की मांग क्यों?
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का दूसरा प्रमुख शहर और राज्य के हाईकोर्ट तथा कई केंद्रीय संस्थानों का मुख्यालय होने के बावजूद अब तक 4C श्रेणी के एयरपोर्ट से वंचित है। वर्तमान में, यहां का रनवे केवल 1,500 मीटर लंबा है, जिससे दिन में सिर्फ 72-सीटर विमानों का संचालन संभव हो पाता है।
शहरवासियों की लंबे समय से मांग है कि बिलासपुर से देश के प्रमुख महानगरों तक सीधी उड़ानें शुरू की जाएं, लेकिन अब तक यह मांग अधूरी है। फिलहाल, यहां से प्रतिदिन केवल एक या दो उड़ानें ही संचालित होती हैं। इसके अलावा, रनवे विस्तार के लिए भारतीय सेना के स्वामित्व वाली खाली जमीन का हस्तांतरण अब तक लंबित है। राज्य सरकार के बजट में भी एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए कोई स्पष्ट योजना या धनराशि आवंटित नहीं की गई, जिससे आम जनता में निराशा बढ़ रही है।
“बिलासपुर को उसका हक मिलना चाहिए”
निषाद समाज के नेता हर प्रसाद कैवर्त, बद्री प्रसाद कैवर्त और परसराम कैवर्त ने कहा कि बिलासपुर अंचल से प्रतिदिन लाखों टन कोयला निकालकर पूरे देश में बिजली उत्पादन किया जाता है, लेकिन इस क्षेत्र को विकास का उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे की मौजूदा व्यवस्था पहले से ही बदहाल है, और यदि हवाई सुविधा का विस्तार नहीं हुआ तो बिलासपुर अंचल विकास की दौड़ में पिछड़ जाएगा।
सामाजिक संगठनों का समर्थन और अपील
इस आंदोलन को हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति सहित कई संगठनों का समर्थन प्राप्त है। निषाद समाज और अन्य संगठनों ने सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है, ताकि बिलासपुर को उसका हक मिल सके।