बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और इसी पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव और खनिज सचिव से जवाब तलब किया है कि जब पहले ही अवैध खनन रोकने के निर्देश दिए जा चुके हैं, तो फिर यह हाल क्यों है?

कोर्ट ने साफ कहा कि हालात बेहद चिंताजनक हैं – बलरामपुर में एक आरक्षक को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला गया और अब गरियाबंद में रेत माफिया फायरिंग कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने दोहराया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कड़ी कार्रवाई जरूरी है।

आरक्षक की हत्या पर भी लिया था संज्ञान

बलरामपुर में 11 मई की रात करीब 11 बजे सनावल पुलिस की टीम अवैध रेत खनन रोकने लिबरा गांव पहुंची थी। इसी दौरान भागते एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश कर रहे आरक्षक शिव बचन सिंह (43) को ट्रैक्टर चालक ने कुचल दिया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई और आरोपी फरार हो गया।

इस घटना को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया और डीजीपी, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी किया। सुनवाई के दौरान डीजीपी ने बताया कि इस केस में 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बीएनएस की कई धाराओं के साथ-साथ वन अधिनियम और खान एवं खनिज अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, लापरवाही के चलते सनावल थाने के थाना प्रभारी को सस्पेंड भी कर दिया गया है।

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