बिलासपुर। केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसी भी शहर को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी घोषित नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पांडे ने कहा कि कठपुतली सरकार को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी मामले में केंद्र ने ठेंगा दिखाया है। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से सिर्फ़ लेना जानती है, देना नहीं। राज्य के संसाधनों का उपयोग तो पूरे देश में किया जा रहा है, लेकिन इसके बदले राज्य को कुछ नहीं मिला। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर छत्तीसगढ़ को नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोग्राम का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया?
“केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों को दो-दो इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी दीं, लेकिन छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नज़रंदाज़ कर दिया। क्या हमारे पास योग्यता की कमी है, या हमारी इच्छाशक्ति कमजोर है? इस महत्वपूर्ण विकास की कड़ी से राज्य को क्यों वंचित रखा गया?” पांडे ने सवाल किया।
उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद जनता को कोई लाभ नहीं मिला। डबल इंजन के नाम पर जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। यहां की जनता को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार से कोई राहत मिलेगी, लेकिन इसके बजाय उन्हें धोखा मिला है। छत्तीसगढ़ के संसाधन, जैसे कोयला, लोहा और अन्य खनिज, पूरे देश में भेजे जा रहे हैं, लेकिन राज्य को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा। प्रदेश में बिजली, पानी, और रॉ मटेरियल की कोई कमी नहीं है और औद्योगिक वातावरण भी अच्छा है, फिर भी छत्तीसगढ़ को इस विकास की धारा से बाहर रखा गया है। जिन राज्यों को इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी मिली है, उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिला है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के लिए निराशा ही हाथ लगी है।