बिलासपुर. गोसेवकों की शिकायत पर सकरी पुलिस ने मवेशियों से भरा ट्रक जब्त किया हैं। आरोपी इन मवेशियों को जबलपुर ले जा रहे थे। गो सेवकों की शिकायत पर सकरी पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी गई हैं।
तखतपुर क्षेत्र के मवेशियों की लगातार तस्करी बढ़ती जा रही है। अधिकांश मामलों में अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। सकरी बायपास में बटालियन से आगे संबलपुरी के पास पंजाबी ढाबा के सामने एक मवेशी से भरा ट्रक क्रमांक सीजी-10 सी-7455 को गोसेवकों ने पकड़कर सकरी पुलिस को सूचना दी। थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए गोसेवकों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गुरूवार की रात विनोद पटेल, बबलू बंजारे ट्रक में 20 मवेशी भरकर सकरी बायपास के रास्ते जबलपुर भेजने की तैयारी में हैं। नांदघाट और नारायणपुर के रहने वाले गोलू अन्ना, अश्वती पटेल और पप्पू साहू मवेशियों से भर ट्रक को बाइपास से लेकर जाएंगे। इस सूचना पर गोसेवक ट्रक का पीछा करने लगे। इन्हें देखकर ट्रक डाइवर ने गाडी की स्पीड बढ़ा दी। इसी वजह से ट्रक सड़क किनारे मुरूम में फंस गया। ट्रक के फंसते ही डाइवर ट्रक छोड़कर भाग गया। गो सेवकों ने ट्रक में देखा तो उसमें 20 भैसें प्रजाति के मवेशी भरे हुए थे। गो सेवकों ने इसकी सूचना सकरी पुलिस को दी। सकरी प्रभारी सागर पाठक ने अपनी टीम मौके पर भेजी। रात में टक निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
तस्करी में आरक्षक का नाम आ रहा है सामने
गोसेवकों द्वारा सकरी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखाए गए नाम में पुलिस विभाग के एक आरक्षक का नाम सामने आ रहा है। वहीं सकरी थाना प्रभारी का कहना है कि उन्हें किसी आरक्षक के शामिल रहने की कोई सूचना नहीं है। तखतपुर क्षेत्र के मेड़पार बाजार, जूनापारा क्षेत्र, चोरभट्ठी, मुंगेली जिले के तखतपुर से लगे गांव भथरी में लगातार मवेशियों की तस्करी की जा रही है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे है।
8 मवेशियों की हुई मौत
ट्रक में मवेशियों को नीचे उतारने पर पता चला कि उसमें से 8 भैंसों की मौत हो चुकी है। बाकी 12 को पास ही रहने वाले किसान के खाली प्लाट में रखा गया। सुबह फिर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा कार्रवाई की। साथ ही पशुधन विभाग के डाक्टरों को बुलाकर मृत मवेशियों का पीएम करने और जीवितों का मुलाहिजा करने बुलाया। इसके बाद पोस्टमार्टम किया गया। मृत मवेशियों के मौत का कारण रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा।
मस्तूरी में हुए थे 5 तस्कर गिरफ्तार
दो दिन पहले ही मस्तूरी थाना से महज 2 किलोमीटर ग्राम पोंडी में पुलिस ने दबिश देकर 5 मवेशी तस्कर को गिरफ्तार किया था। साथ ही 42 मवेशियों से भरे ट्रक को जब्त किया है। इनमें 3 मवेशियों की मौत हो चुकी थी। गौरतलब है कि मस्तूरी क्षेत्र में गो तस्करी का धंधा लंबे समय से चल रहा है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में गो तस्कर मलकीत सिंह ने बयान दिया है कि ग्राम पेण्ड्री निवासी साहेबलाल कुर्रे कई साल से उत्तरप्रदेश और पंजाब के रहने वाले अपने दोस्त मलकीत सिंह, सलाउद्दीन फकीर, अजहर फकीर, जुबेर खान के साथ मिलकर मवेशियों की तस्करी करता था। वे टक नंबर एचआर 38 क्यू-3253 से मवेशियों को भरकर बूचड़खाने तक पहुंचाने का काम करते है। वहीं बिलासपुर निवासी शेख शहजादा ट्रक के आगे अपनी कार सीजी-10 एडी-0267 से सिग्नल देते हुए गाडियों को पहुँचाने का काम करता है। पुलिस ने मामले में पांच गो तस्करों को गिरफ्तार किया है। वहीं जिंदा बचे सभी मवेशियों को ग्राम गतौरा के गोशाला में सुरक्षित पहुँचाया गया। गौरतलब है कि मवेशी तस्कर के मामले में साहेबलाल कुर्रे पर कई बार कार्रवाई की जा चुकी है। वर्तमान मामले में वह फरार है।
सकरी में मवेशियों की तस्करी व कार्रवाई की जानकारी लगे ही जनवरी में अपने जानवरों की चोरी की सरकंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले धनीराम सूर्यवंशी ने घटना स्थल आकर पता किया। इनमें उसके मवेशी है कि नहीं, यह तो अभी पता नहीं, लेकिन यह निश्चित है कि तस्कर लगातार चरने गए मवेशियों को चुराकर बूचड़खाने भेज रहे हैं। कुछ मामले में एफआईआर दर्ज होने के कारण सामने आ जाते है, लेकिन अधिकांश मवेशी चोरी के मामले सामने नहीं आते। इसमें कुछ कारण पुलिस का मवेशी ढूंढ़ने पर ध्यान नहीं देना है, तो दूसरी ओर कई बार मवेशी मालिकों को पता नहीं चलता कि उनके मवेशी चोरी होकर बूचड़खाने भेज दिए गए हैं, क्योंकि ज्यादातर गोवंश मालिक अपने गाय-बैल खुले में छोड़ देते है। जरूरत नहीं होने के कारण उनकी सुध भी नहीं लेते। इसी का फायदा मवेशी तस्कर उठाते है।