वृद्ध, निराश्रित महिलाओं ने की सरपंच-उप-सरपंच की बर्खास्तगी की मांग
मस्तूरी विकाखंड के खपरी ग्राम में समस्याओं का अम्बार है। मस्तूरी सहित पूरे जिले को खुले शौच से मुक्त कर दिया गया है पर वास्तविकता इस गांव में पहुंचने पर नजर आएगी। महिलाओं को यहां खुले में शौच जाना पड़ रहा है क्योंकि यहां शौचालयों की स्वीकृति ही नहीं दी गई है। शिकायत करने बुजुर्ग महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंची, इनमें से कुछ को तो चार साल पेंशन नहीं मिल रही है।
खपरी, ग्राम पंचायत लिमतरा का आश्रित ग्राम है। ग्रामवासियों ने आज जनदर्शन में यहां पहुंचकर शिकायत की, कि ग्रामवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरपंच उप सरपंच एवं सचिव की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अनेक लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने से वंचित कर दिए गए हैं। गांव में शौचालय, पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। सीसी रोड, नाली का निर्माण नहीं हुआ है। यहां सामुदायिक भवन, राशन कार्ड, निराश्रित पेंशन एवं विकलांग पेंशन, घरेलू गैस कनेक्शन सरकारी मोबाइल आदि का लाभ नहीं मिला। गांव में बारिश के दिनों में बच्चों को कीचड़ एवं गड्ढों से पार कर स्कूल जाना पड़ता है। शर्मिंदगी महसूस करते हुए महिलाएं खुले में शौच जाने को विवश हैं। सरपंच, उप-सरपंच तथा सचिव से शिकायत करने पर वे कहते हैं कि हमें तुम्हारे गांव से वोट नहीं लेना है। न ही तुम्हारे गांव को सुविधा देने के लिए कोई सूची बनी है। जैसे रहना है वैसे रहो। शिकायतकर्ता पंच जीवन लाल, चंद्रिका बाई, गोमती बाई, सोनमती बाई व ग्रामवासियों ने सरपंच मोहर साय, उप सरपंच सुरेश सिंह ठाकुर और सचिव सेलिंग केरकेट्टा के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की मांग की है।