बिलासपुर। प्रदेश में ओमिक्रॉन वेरियंट के जिस पहले मरीज की पुष्टि हुई है उसकी रिपोर्ट भुवनेश्वर से 18 दिन आई है। इस बीच आइसोलेशन की अवधि को पूरा कर वह अपना व्यवसाय संभालने लग गये हैं। इस बीच वह कई लोगों के संपर्क में आये हैं। अन्य लोगों में भी ओमिक्रॉन की आशंका को लेकर हड़कंप मचा हुई है।
गोलबाजार के 52 वर्षीय एक अनाज व्यापारी अपनी पत्नी के साथ 4 दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात से लौटे थे। आते ही उन्हें होम आइसोलेशन पर रहने का निर्देश दिया गया। दोनों का कोविड टेस्ट के लिये सैंपल लिया गया। 11 दिसंबर को पत्नी का केस पॉजिटिव आया, पति का निगेटिव आया। 15 दिसंबर को फिर से सैंपल लिया गया तो उनको भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। विदेश से लौटने के कारण दोनों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिये इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजा गया। वहां से 5 जनवरी को रिपोर्ट आई तो पति की रिपोर्ट ओमिक्रॉन पॉजिटिव तथा पत्नी का निगेटिव आया। चूंकि वे 4 दिसंबर से लौट चुके थे और आइसोलेशन की निर्धारित अवधि पूरी कर चुके थे। वे बाहर निकलने लगे। व्यापारी ने अपनी दुकान में भी बैठना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट आने के बाद वह हैरान हैं। उनका कहना है कि उन्हें कोरोना का मामूली सा भई लक्षण नहीं है, यहां तक की सर्दी खांसी भी नहीं है। इधर, ओमिक्रॉन पॉजिटिव रिपोर्ट आने से गोलबाजार में उनके संपर्क में आने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। डॉक्टरों का भी कहना है कि लक्षण नजर नहीं आने पर संक्रमित व्यक्ति संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है।
245 नये संक्रमित मिले
इधर कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे क दौरान 245 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह रिपोर्ट 3381 संदिग्धों के सैंपल लिये जाने से मिली है। कोविड संक्रमण बढ़ने के बावजूद सोशल डिस्टेंस और मास्क पहनने को लेकर जागरूकता नहीं दिखाई दे रही है। बाजारों में नाइट कर्फ्यू के बावजूद भीड़ उमड़ रही है। कलेक्टर ने सोशल डिस्टेंस का पालन करने और मास्क पहनने की अपील की है। वहीं पुलिस ने राहगीरों को मास्क पहनने के लिये प्रेरित करने का अभियान भी शुरू किया है।