राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में संघ मुख्यालय से अपने वार्षिक भाषण में बांग्लादेश की स्थिति का जिक्र करते हुए हिंदुओं को सतर्क रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी ताकतों के कारण अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर खतरे की तलवार लटक रही है, और यह स्थिति भारत के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है।
उन्होंने कहा कि जब तक हम कमजोर और बिखरे हुए रहेंगे, तब तक हम अत्याचारों को आमंत्रण देते रहेंगे। भागवत ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकारों को गिराए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि इस प्रकार की हिंसा और अस्थिरता अचानक नहीं होती, इसके पीछे गहरी साजिशें होती हैं।
‘संस्कृति पर हमला कर हावी होते हैं दुश्मन’
भागवत ने अपने भाषण में “डीप स्टेट,” “वोकिज्म,” और “कल्चरल मार्क्सिज्म” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें सांस्कृतिक परंपराओं के दुश्मन बताया। उन्होंने कहा, “ये ताकतें सबसे पहले किसी देश की संस्कृति पर हमला करती हैं और फिर शैक्षणिक संस्थानों को अपने नियंत्रण में ले लेती हैं। लोग धीरे-धीरे अपनी संस्कृति से नफरत करने लगते हैं, और समाज में सीधे टकराव पैदा किया जाता है।”
उन्होंने बांग्लादेश की स्थिति को भारत के लिए चेतावनी बताते हुए कहा कि पड़ोसी देश में अफवाहें फैलाने वाले वही लोग हैं जो भारत में भी ऐसी अराजकता लाना चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर के चुनावों पर संतोष
अपने भाषण में भागवत ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों की शांतिपूर्ण प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि भारतीय समाज अब परिपक्व हो रहा है, इसलिए वहां चुनाव शांति से हो सके।
अपराध और राजनीति के गठजोड़ पर चिंता
भागवत ने हाल ही में कोलकाता में हुए एक दुष्कर्म और हत्या की घटना का जिक्र करते हुए अपराध और राजनीति के गठजोड़ पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “अपराध और राजनीति का गठजोड़ अब स्पष्ट दिखने लगा है, और यह समाज के लिए बेहद घातक है।”
अमित शाह ने दी RSS को बधाई
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने RSS के स्थापना दिवस पर संगठन को बधाई देते हुए कहा कि RSS ने भारतीय संस्कृति की रक्षा और युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाने में अहम भूमिका निभाई है। विजयदशमी के मौके पर उन्होंने देशवासियों को भी शुभकामनाएं दीं।