बिलासपुर। डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में नए सत्र के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। कोरोना संकट में लॉकडाउन के तत्काल बाद से ही विश्वविद्यालय के सभी क्लासेस ऑनलाइन कर दी गई थी और सभी पाठ्यक्रमों को तय समय में पूरा कर लिया गया था। अब नए सत्र में प्रवेश प्रकिया ऑनलाइन कर दी गई है और पढ़ाई भी ऑनलाइन की जा रही है।
विद्यार्थी सीधे वेबसाइट पर जानकारी समस्त जानकारी लेकर ऑनलाइन प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए सभी कोर्सेस सहित सभी जानकारियां वेबसाइट में अपलोड की गई है। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन काउसिलिंग टीम बनाई गई है। फोन,वाट्सअप और अन्य डिजिटल माध्यमों से विद्यार्थी अनुभवी प्राध्यापकों से सीधे जुड़ कर सलाह ले सकते हैं।
ऑनलाइन कार्यशाला में देशभर के शिक्षाविद् शामिल हुए-प्रो. दुबे
सीवी रामन् विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने बताया कि ब्लैकबोर्ड से लेकर स्मार्ट बोर्ड और ऑनलाइन टीचिंग तक शिक्षा आ चुकी है। कोरोना संकट के दौर में शैक्षणिक संस्थानों के आगे जो चुनौती है, उसमें ऑनलाइन एक स्वाभाविक विकल्प है। इसी विकल्प से ही शिक्षा की नई दिशा तय होगी। इसी दिशा में विश्वविद्यालय में 15 से 17 जून तक तीन दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया, जिसका विषय इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्निक्स इन एनालिटिकल केमिस्ट्री रखा गया था। यह आयोजन रसायन विभाग, आईक्यूएसी और जापान के शिमाट्जू कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में था। देश भर के विशेषज्ञों ने ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला में जीसी, एफटीआईआर, यूआर विजिबल विषयों में तीन दिनों तक अपनी बात रखी। इस आयोजन में बीएचयू, आईआईएसई बंगलौर, सीआईटी चैन्नई, कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी,भावनगर विवि गुजरात, अमिटी विवि, अलीगढ़ मुस्लिम विवि सहित देश के कई विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक शामिल हुए। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल साइंस, मेडिकल, इंजीनियरिंग, उद्योग से जुड़े विद्यार्थी शोधार्थी शामिल हुए।
ऑनलाइन शिक्षा में ही भविष्य-गौरव
शिक्षा अपने मूल में सामाजीकरण की एक प्रक्रिया है। जब-जब समाज का स्वरूप बदला है तब तब शिक्षा के स्वरूप में भी परिवर्तन की बात हुई है। आज कोरोना संकट के दौर में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये शिक्षा के स्वरूप में बदलाव आ रहा है और इस बदलाव को स्वीकार करके विकास की गति को तय करना होगा। भविष्य ऑनलाइन शिक्षा में ही है।