‘अर्बन बिहार 2030’ की संगोष्ठी को संबोधित किया केंद्रीय राज्य मंत्री ने

पटना। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा, “बिहार के शहरी विकास का हमारा दृष्टिकोण केवल ईंट और पत्थर का ढाँचा बनाना नहीं, बल्कि ऐसे शहरों का निर्माण करना है जो स्मार्ट, स्वच्छ, सुरक्षित, समावेशी और अपनी गौरवमयी संस्कृति से जुड़े हों।”

साहू पटना में आयोजित ‘अर्बन बिहार 2030’ संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की जन्मभूमि, नालंदा और तक्षशिला जैसे ज्ञान केंद्र तथा मोक्ष व आस्था की भूमि गया जी से गौरवान्वित है। अब यह राज्य शहरीकरण की नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू), अमृत 2.0 और स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाएं शहरों को नागरिक-केंद्रित और समावेशी बनाने का काम कर रही हैं। पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे शहर इस यात्रा में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। खासकर गया का उल्लेख करते हुए साहू ने कहा कि यह न केवल बौद्ध धर्म का वैश्विक केंद्र है बल्कि पितृ पक्ष के कारण सनातन परंपरा से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

साहू ने युवाओं को बिहार के शहरी विकास की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा और नवाचार राज्य को आत्मनिर्भर व आधुनिक बनाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की “डबल इंजन” सरकार को विकास की नई गाथा लिखने वाला बताया।

अंत में उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि सब मिलकर “शहरी बिहार 2030” को साकार करें और विकसित भारत 2047 के संकल्प में योगदान दें।

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