बिलासपुर। शहर के व्यापार विहार स्थित ऑक्सीजन जोन को डंपिंग यार्ड बनाए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पीआईएल पंजीकृत कर सुनवाई की। चीफ जस्टिस और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने नगर निगम, बिलासपुर से मामले में शपथपत्र पर विस्तृत जवाब तलब किया है, जिसमें सफाई से जुड़े ठोस कदमों और फोटो साक्ष्यों की मांग की गई है। अगली सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गई है।
ऑक्सीजन जोन की स्थिति पर गंभीर सवाल
पिछले सप्ताह स्थानीय समाचारों में रिपोर्ट आई थी कि व्यापार विहार स्थित ऑक्सीजन जोन, जो लगभग ढाई एकड़ भूमि में फैला है और दो करोड़ रुपए की लागत से निर्मित है, खराब रखरखाव के कारण तेजी से नष्ट हो रहा है। यहां लगाए गए 600 पौधों में अधिकांश पौधे सूख चुके हैं, जबकि बचे हुए पौधे भी सूखने की कगार पर हैं। नगर निगम का सफाई अमला ऑक्सीजन जोन के आसपास शहर का कचरा डाल रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र डंपिंग जोन में बदल गया है।
तारामंडल के पास कूड़े का अंबार, लोगों में रोष
ऑक्सीजन जोन के बगल में स्थित तारामंडल के पीछे 10 एकड़ क्षेत्र में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। सफाई का ठेका रखने वाली कंपनी ने यहां एक छोटा डंपिंग स्थल बनाया है, जो ओवरफ्लो हो गया है और इससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल गई है, जिससे स्थानीय नागरिक परेशान हैं। ऑक्सीजन जोन का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने का था, लेकिन अब यह उनका स्वास्थ्य बिगाड़ने का कारण बन रहा है।
निगम ने दिए सफाई के प्रमाण, हाईकोर्ट ने मांगा विस्तृत हलफनामा
हाईकोर्ट में नगर निगम, बिलासपुर के अधिवक्ता ने बताया कि संबंधित क्षेत्र को साफ कर दिया गया है और इसके प्रमाण के तौर पर कुछ तस्वीरें भी प्रस्तुत की गईं। इसके बावजूद कोर्ट ने निगम को मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें भविष्य में कचरा प्रबंधन के ठोस कदमों की जानकारी भी शामिल होनी चाहिए।
अगली सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गई है, जिसमें निगम को अपनी जवाबदेही और किए गए कार्यों की प्रामाणिकता प्रस्तुत करनी होगी।