नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र 2025 के सातवें दिन आज लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को किसी भी विश्व नेता ने रोकने की कोशिश नहीं की और यह भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।

पहलगाम हमले का जवाब था ऑपरेशन सिंदूर

प्रधानमंत्री ने कहा, “22 अप्रैल को जब मैं विदेश में था, पहलगाम में आतंकी हमले की खबर मिली। मैं तुरंत लौटा और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई। हमने आतंकवाद को करारा जवाब देने का स्पष्ट निर्देश दिया।” उन्होंने बताया कि 7 मई को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने 22 मिनट में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिससे पाकिस्तान को घुटनों पर लाने में सफलता मिली।

पाकिस्तान ने की थी युद्धविराम की गुहार

पीएम मोदी ने कहा, “9 मई की रात और 10 मई की सुबह हमारी मिसाइलों ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर प्रहार किया। इसके बाद पाकिस्तान ने डीजीएमओ स्तर पर संपर्क कर युद्धविराम की गुहार लगाई।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने 9 मई को उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन वह सेना के साथ बैठक में व्यस्त थे और बात नहीं हो सकी।

विपक्ष के आरोपों का जवाब

विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश, ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों का हवाला दिया, जिन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। पीएम मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा, “यह सीमा पार से फैलाया गया प्रोपेगैंडा है। दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने की बात नहीं की।” उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एकजुटता दिखाने की अपील की।

गृह मंत्री और रक्षा मंत्री का योगदान

चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद उन्होंने तुरंत श्रीनगर का दौरा किया और CCS की बैठकों में सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने सैन्य और कूटनीतिक लक्ष्य हासिल किए, और यह दावा गलत है कि इसे किसी दबाव में रोका गया।

विपक्ष की मांग और चर्चा का महत्व

विपक्ष ने मांग की थी कि ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की विशेष चर्चा हो और प्रधानमंत्री स्वयं जवाब दें। लोकसभा में 28 जुलाई से शुरू हुई इस चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हिस्सा लिया। आज शाम 6 से 7 बजे के बीच पीएम मोदी ने लोकसभा में अपनी बात रखी, जिसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर का वैश्विक प्रभाव

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवादियों को सजा दी, बल्कि वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में बेनकाब किया। उन्होंने इसे मेड इन इंडियारक्षा क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन बताया, जिसने दुनिया को भारत की ताकत का अहसास कराया।

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