रायपुर। प्रदेश का पारंपरिक और लोकप्रिय पोला तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा है। इस त्यौहार में उत्साह से बैलों और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होने के लिए प्रार्थना की जाती है। यह त्यौहार हमारे जीवन में खेती-किसानी और पशुधन का महत्व बताता है। यह त्यौहार बच्चों को अपनी संस्कृति और परम्पराओं से परिचय कराने का भी अच्छा माध्यम है। घरों में प्रतिमान स्वरूप मिट्टी के बैलों और बर्तनों की पूजा कर बच्चों को खेलने के लिए दिया जाता है, जिससे बच्चे अनजाने ही अपनी मिट्टी और उसके सरोकारों से जुड़ते हैं। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए ग्रामीणों और किसान पोला तिहार के दौरान मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आएं।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here