एनएसए के तहत पहली बार चार मामले दर्ज हुए, राज्य सुरक्षा अधिनियम के 42 प्रकरण बनाए गये  

बिलासपुर। जिला पुलिस के लिए 2018 का साल 2017 से बेहतर रहा। सभी गंभीर अपराधों में इस अवधि में गिरावट आई। पूरे साल डकैती की एक भी घटना नहीं घटी जबकि बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले भी घटे। हत्या की घटना सिर्फ एक कम रही तो बलवा के मामलों में सर्वाधिक 34 प्रतिशत की कमी आई। पुलिस ने इस साल 10 अंधे कत्ल का खुलासा भी अल्प अवधि में किया। पुलिस ने अवैध हथियार रखने के मामले में दुगुनी कार्रवाई की। आबकारी, सट्टा के मामले भी पकड़े गये। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में 6 गुना अधिक कार्रवाई की गई।

पुलिस की ओर से जारी वक्तव्य में बताया गया है कि हत्या, बलात्कार, डकैती, लूट, नकबजनी, चोरी, बलवा, शीलभंग (छेड़छाड़) और प्रताड़ना के अपराध सन् 2017 के मुकाबले 2018 में कम दर्ज हुए हैं।

पुलिस ने सन् 2018 में अंधे कत्ल के 10 मामलों को सुलझाया। इनमें फदहाखार में बाइपास रोड के पास मिले शव का मामला था। इसमें उत्तरप्रदेश के चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। यह सुपारी देकर कराई गई हत्या थी। पचपेड़ी थाने के अंतर्गत सेमराडीह जलाशय में एक अज्ञात शव मिला था, उसकी हत्या गला दबाकर की गई थी। इसमें पेट्रोल पम्प और स्कार्पियों की लूट करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार किये गए। एक निजी डेयरी में काम करने वाले युवक की शराब भट्टी, सकरी के पास हुई हत्या का मामला भी पुलिस ने सुलझाया। नकबजनी के मामलों में 21 प्रतिशत की कमी सन् 2018 में रही। एक लाख रुपये से अधिक की नकबजनी के 35 मामलों में से 13 में पुलिस को सफलता मिली, जिसमें 43 लोगों को गिरफ्तार कर 38 लाख 357 हजार 404 रुपये बरामद किये गए, जबकि चोरी की गई कुल रकम 85 लाख 40 हजार 260 रुपये है। एक लाख रुपये की कीमत से अधिक की चोरी के 20 प्रकरणों में से 9 प्रकरणों को सुलझाने में पुलिस को सफलता मिली। इनमें 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। चोरी की कुल 74 लाख 4 हजार 393 रुपये में से 37 लाख 46 हजार 151 रुपये बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है।

लूट के मामले में भी 2017 के मुकाबले 42 प्रतिशत कमी आने का दावा पुलिस ने किया है। दर्ज कुल 40 में से 16 मामलों को सुलझाने और इनमें 34 आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है।लूट के 21 लाख रुपये में से पुलिस को सिर्फ 2 लाख 94 हजार बरामद करने में सफलता मिली है।

महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध दुष्कर्म, छेड़छाड़ की घटनाओं में भी क्रमशः 13 व 8 प्रतिशत कमी आई है। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में शिकायत आने पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई करने और महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता इसकी वजह है। बस स्टैंड, स्कूल कॉलेज आदि सार्वजनिक जगहों पर लगातार पेट्रोलिंग के कारण भी ऐसी घटनाओं में कमी आई है।

यह खास बात रही कि साल 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत चार मामले दर्ज किये गए जबकि 2017 और 2016 में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया था। राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भी क्रमशः 2 और 10 मामले दर्ज हुए थे जबकि सन् 2018 में 42 मामले दर्ज किए गये।

 

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