जुर्म की खबरें : एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने 32 साल की विवाहित महिला के साथ खुद भी दुष्कर्म किया और अपने साथियों से भी करवाया. इस रेप की कई वीडियो भी उसने बना ली थी जिसे वायरल करने की वह धमकी देता था. महिला ने 3 महीने प्रताड़ित होने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज करवानी चाही तो उसे धक्के मारकर भगा दिया गया. आखिर में एसपी के पास गुहार लगाई, तब जाकर केस दर्ज हुआ. यह सनसनीखेज मामला राजस्थान के अलवर जिले का है.अलवर जिले के रैणी थाने में 32 साल की विवाहित महिला से दुष्कर्म के आरोपी कांस्टेबल संजय कुमार (28) को पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने लाइन हाजिर कर दिया है. महिला से दुष्कर्म के मामले की जांच राजगढ़ थानाधिकारी की सौंपी है.रैणी थाने में पोस्टेड कांस्टेबल संजय कुमार (28) ने एक विवाहिता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और महिला को धमकी देकर उसका शारीरिक शोषण कर रहा था. इस मामले की जानकारी महिला के पति को लगने के बाद उसके द्वारा रैणी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी लेकिन कई दिन तक रैणी थानाधिकारी के द्वारा मामला दर्ज नहीं किया गया. महिला को धक्के देकर थाने से भगा दिया गया.पीड़िता ने बाद में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वह घूमने जाती तो कांस्टेबल संजय ने उसका पीछा करना शुरू किया और उसको परेशान करता था. वह उसे धमकाता था. 3 महीने पहले एक दिन उसके द्वारा जबरन दुष्कर्म किया गया और उसको धमकी दी गई कि किसी को कुछ बताया तो उसको बदनाम कर देगा और वीडियो वायरल कर देगा. इसके बाद उसको बार-बार परेशान किया जाता था.एक दिन किसी दूसरे साथी को लेकर आया और उसके साथ भी संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया गया. इस तरह बार-बार उसका शारीरिक शोषण किया गया. उससे तंग आकर उसने पति को बताया ओर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गई तो उसको धक्का देकर भगा दिया.इसके बाद पीड़ित महिला अपने पति के साथ एसपी अलवर तेजस्वनी गौतम से मिली और अपनी व्यथा सुनाई. इसके बाद एसपी ने निर्देश पर रैणी थाने में आरोपी पुलिस कांस्टेबल संजय कुमार पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया. आरोपी कांस्टेबल संजय कुमार रैणी थाने में कम्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है. इस मामले की जांच एसपी तेजस्वनी गौतम ने सीओ लक्ष्मणगढ़ को सौंपी है.एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि पीड़िता उनसे मिली थी. उसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है और आरोपी कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है. दुष्कर्म की जांच राजगढ़ एसएचओ को सौंपी है जबकि अलग से उच्च स्तरीय जांच डीएसपी लक्ष्मणगढ़ को सौंपी है. जांच के बाद मामला दर्ज नहीं करने वाले एसएचओ ओर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.