कांग्रेस विधायक का आरोप- सिंहदेव के आदमी हैं, इसलिये हमें बार-बार ठोक रही पुलिस
बिलासपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के दर्जनों समर्थकों ने पंकज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के विरोध में आज कोतवाली थाने में जमकर हंगामा किया गया। विधायक पांडे पंकज सिंह को खुद लेकर थाने पहुंचे और उन्हें चुनौती दी कि वे उन्हें गिरफ्तार कर लें। बाहर निकलकर पत्रकारों से बात करते हुए पांडे ने आरोप लगाया कि हम लोग सिंहदेव के आदमी हैं इसलिये पुलिस हमें ठोक रही है। पुलिस कह रही है कि ऊपर के दबाव में एफआईआर की गई है लेकिन ऊपर वाले का वह नाम नहीं बता रही है।
पांडे ने कहा कि उन्हें मीडिया से जानकारी मिली कि पंकज सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है तो नैतिकता के आधार पर उसकी गिरफ्तारी के लिये आये हैं। साथ ही पूछने आये हैं कि एफआईआर दर्ज क्यों की गई। पुलिस के बड़े अधिकारी कह रहे हैं कि ऊपर का आदेश था, पर ऊपर से किसका था यह नहीं बता रहे हैं। गिरफ्तारी के लिये यह कहते हुए मना कह रही है कि अभी जांच चल रही है, जब जांच ही नहीं हुई है तो एफआईआर दर्ज क्यों की गई?
पांडे ने तैश में आकर कहा कि हम सिंहदेव (स्वास्थ्य मंत्री) के आदमी हैं, इसलिये हमें ठोका जा रहा है। लॉकडाउन के समय जब मैं गरीबों को राशन बांट रहा था तो मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। अब एक साल बाद गरीब के इलाज के लिये सिम्स जाने पर पंकज सिंह के खिलाफ दर्ज की गई है। हम लोग सिंहदेव के लोग हैं इसलिए हमको बार-बार ठोका जा रहा है। पुलिस की यह कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है। हम गरीबों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी
दोपहर करीब एक बजे पंकज सिंह के समर्थकों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर कोतवाली थाने का घेराव कर दिया। वे पंकज सिंह पर दर्ज की गई एफआईआर का विरोध कर रहे थे। उऩ्होंने न केवल पुलिस बल्कि सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। विधायक पांडे जब पंकज सिंह के साथ कोतवाली पहुंचे तो उनके लिये जिंदाबाद के नारे लगे। सिंहदेव जिंदाबाद के नारे भी लगाये गये। कोतवाली के भीतर जाकर विधायक पांडे व पंकज सिंह ने वहां मौजूद अधिकारियों से बात की। बाहर निकलने के बाद पांडे ने मीडिया से बात की।
शनिवार की घटना, मंगलवार को एफआईआर
सिर में चोट लगने के कारण शनिवार की रात चुट्टू अवस्थी अपने भाई को लेकर सिम्स चिकित्सालय ले गये थे। वहां उनका एमआरआई किया जाना था। वहां मौजूद रेडियोग्रॉफर तुलाराम टांडे ने फिल्म नहीं होने की बात कहते हुए एमआरआई करने से मना कर दिया, तब अवस्थी ने पंकज सिंह को फोन लगाया। रायपुर से लौट रहे पंकज सिंह सीधे सिम्स पहुंचे और रेडियोग्राफर से पूछताछ की। फिल्म नहीं होने की बात बताने पर पंकज सिंह ने उसी के फोन से डॉक्टर विवेक शर्मा को काल कराया। डॉ. शर्मा से पंकज सिंह ने बात की तब पता चला कि फिल्म उपलब्ध है। इस पर पंकज सिंह तैश में आ गये। रेडियोग्राफर की ओर से 18 सितंबर की रात करीब 11 बजे कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई कि एमआरआई में तकनीकी कारणों से विलंब होने के कारण पंकज सिंह ने उसका कॉलर पकड़ा, गाली गलौच और हाथापाई की। दूसरी और पंकज सिंह का कहना है कि फिल्म नहीं होने का बहाना बनाकर एमआरआई से मना करने की वजह से उनका कर्मचारी से विवाद जरूर हुआ है पर हाथापाई नहीं की है। सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
कोतवाली पुलिस ने पंकज सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 353, 186 एवं छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवक तथा चिकित्सा सेवा संस्थान अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत अपराध दर्ज किया है।