कॉलोनी के एक आईपीएस के 18 साल के बेटे ने दबाव के बावजूद पुलिस शिकायत वापस नहीं ली

बिलासपुर । पॉश कॉलोनी रामा वैली में कुत्तों को बांधकर लाठियों से पीट-पीट कर घायल करने के मामले में आंदोलन की चेतावनी देने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। चकरभाठा पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

एनिमल प्रोटेक्शन टीम व पशु सेवा केन्द्र के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस ली थी और पुलिस और प्रशासन के रवैये के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी थी। उन्होंने रविवार को कैंडल मार्च निकालने का निर्णय भी लिया था।

बीते दो अक्टूबर को रामा वैली में घूमने वाले लगभग 20 कुत्तों को रस्सियों में बांधकर लाठियों से पीटकर काबू में किया गया था। पकड़ने के बाद उन्हें ट्रैक्टर में लादकर अज्ञात स्थान पर ले जाकर छोड़ दिया गया था। कुत्तों को पकड़ने के लिए सूअर पकड़ने वालों की मदद ली गई थी। इस घटना की जानकारी मिलने पर पशु प्रेमियों ने घटना के ऑडियो व विजुअल प्रमाणों के साथ कलेक्टर डॉ. संजय अलंग से शिकायत की थी। चकरभाठा पुलिस में भी उन्होंने उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया था पर पुलिस ने सिर्फ लिखित शिकायत लेकर रख लिया था। रामा वैली में ही रहने वाले एक आईपीएस अधिकारी के 18 साल के बेटे आदित्य साहू ने भी इस घटना की चकरभाठा थाने में शिकायत की थी। बताया जाता है कि उसे उसके परिवार वालों ने कॉलोनी के निवासियों के हित में शिकायत वापस लेने के लिए कहा था, इसके बावजूद उसने शिकायत वापस नहीं ली। कलेक्टर ने इस घटना की जांच के लिए टीम बनाई थी। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के बाद इसकी रिपोर्ट भी तैयार हो गई। शाम को एसडीएम देवेन्द्र पटेल को कलेक्टर ने आगे की जांच करने कहा। इधर पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. रमेश कुमार सोनवाने ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के लिए चकरभाठा पुलिस से कहा गया था। चकरभाठा थाना प्रभारी प्रवीण राजपूत ने बताया कि सोशल मीडिया में जारी फुटेज और फोटो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जायेगी। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 428, 11(1), क, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत कम से कम दो हजार रुपये जुर्माना और, या पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।

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