बिलासपुर। नगर निगम के नए वार्ड परिसीमन को लेकर शहर जिला कांग्रेस कमेटी और परिसीमन समीक्षा समिति के सदस्यों ने कलेक्टर से मुलाकात कर आपत्ति दर्ज कराई। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, महापौर रामशरण यादव, पूर्व विधायक शैलेष पांडेय, सभापति शेख नजीरुद्दीन, पूर्व महापौर राजेश पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कलेक्टर के सामने तकनीकी और व्यावहारिक मुद्दों को रखा।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने बताया कि सरकार द्वारा नए परिसीमन के मापदंडों का पालन नहीं हो रहा है। मतदाताओं की संख्या में असमानता और भौगोलिक क्षेत्रों का सही ध्यान नहीं रखा गया है। निर्वाचन नियमावली के अनुसार चुनाव से छह महीने पूर्व निर्वाचन संबंधित सभी कार्य पूरे होने चाहिए, जबकि अब मुश्किल से चार महीने ही बचे हैं और वार्ड परिसीमन तथा मतदाता सूची का प्रकाशन आदि कार्य अभी बाकी हैं।
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि नए परिसीमन में कई वार्डों में बूथों को इधर-उधर कर दिया गया है। कुछ वार्डों के बीच में दूसरे वार्डों को शामिल कर दिया गया है, जिससे परिसीमन के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने बताया कि 2018 में 15 गांवों को बिलासपुर नगर निगम में जोड़ा गया था, जिसके चलते परिसीमन किया गया। वर्तमान परिसीमन में मुख्य मार्ग और चौक को वार्ड की सीमा रेखा न बनाकर गलियों और मोड़ों को सीमा बनाई गई है, जिससे कुछ वार्डों का अस्तित्व ही मिट गया है।
सभापति शेख नजीरुद्दीन ने कहा कि बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में कई झोपड़पट्टियों को विकास के नाम पर उजाड़ दिया गया है और उनके निवासी अब अन्यत्र निवास कर रहे हैं। इन मतदाताओं के नाम विधानसभा और लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में जोड़ने का अनुरोध किया गया है ताकि चुनाव प्रभावित न हो और उन्हें वोट डालने में सुविधा हो।