बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रमोशन पर आरक्षण देने के खिलाफ लगाई गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पदोन्नति में आरक्षण पर रोक जारी रखी है। अब इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।
राज्य शासन द्वारा पदोन्नति में आरक्षण देने के विरुद्ध विष्णु प्रसाद तिवारी, गोपाल सोनी, एस. संतोष कुमार व अन्य ने याचिकायें दायर की हैं। याचिकाओं में छत्तीसगढ़ राज्य सेवा भर्ती नियम के अधिनियम 5 को गलत बताते हुए कहा गया है कि विभिन्न विभागों में अलग-अलग पदों पर पदोन्नति के लिये सन् 2019 में शासन का जारी नोटिफिकेशन विधि विरुद्ध है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है, न ही क्रिमीलेयर के सिद्धांत का उल्लेख किया गया है।
पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार का जवाब आने तक के लिये हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आरक्षण के सम्बन्ध में निर्णय लेने के लिये राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई है जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने प्रमोशन के सम्बन्ध में आंकड़ा भी मांगा है जिस पर शासन ने चार सप्ताह का समय मांगा।
चीफ जस्टिस पी. आर. रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की बेंच ने बुधवार को इस पर सुनवाई करते हुए पदोन्नति में आरक्षण पर रोक के अपने पुराने आदेश को जारी रखा है और 6 सप्ताह बाद इसकी अगली सुनवाई तय की है।