गांधी शांति प्रतिष्ठान के आह्वान पर गांधी जी की 150 वीं जयंती कार्यक्रमों का आगाज़ शहर में प्रभात फेरी निकाल कर किया गया। गांधीजी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम को गाती गांधी के सिपाहियों की टोली नेहरु चौक से प्रभात फेरी के रूप में निकली तो लोग जुड़ते चले गए। तिलक नगर,सदर बाज़ार, गोल बाज़ार से होती शनिचरी बाज़ार तक गांधी सभा स्थल तक के तीन कि.मी.तक रामधुन के साथ प्रभात फेरी शनिचरी बाज़ार स्थित उस स्थान पर सभा में तब्दील हुई जहां गांधी जी ने 29 नवंबर1933 को सभा ली थी।

जनसभा को संबोधित करते आनंद मिश्रा ने कहा गांधी वह नाम है जिसने आज़ादी के समय लोगों में चेतना का जागरण किया। लुई फिशर और स्वयं गांधी जी ने संस्मरणों का उल्लेख करते हुए आपने स्मरण दिलाया कि गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया और उसे भी उसका हिस्सा बनाया। यह उन्होंने स्वच्छता के माध्यम से किया,चरखे के ज़रिए किया।
सभा को संबोधित करते नंद कश्यप ने कहा कि गांधी ने हमें अन्याय का विरोध करना सिखाया। उनके जीवन से हमें यही सीखने की आवश्यकता है। प्रथमेश ने नोआखाली में गांधी जी के संस्मरण का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने शांति के प्रयास किए। डा.सत्यभामा अवस्थी ने कहा कि गांधी जी की एक सौ पचासीवीं जयंती के अवसर पर शालेय और महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को प्रश्नमंच के माध्यम से जोड़े जाने की आवश्यकता है.
गांधीः150 के इस प्रथम आयोजन प्रभात फेरी में संयोजक सविता प्रथमेश, कार्यकारिणी के सदस्य डा.लाखन सिंह, प्रियंका शुक्ला, अनुज श्रीवास्तव, गांधी के सिपाही द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, रमेश भाई जोबनपुत्रा, नीलोत्पल शुक्ला, अरुण भांगे, ऐश्वर्य लक्ष्मी बाजपेयी, अखिलेश, चंद्रप्रदीप बाजपेयी, आशीष मिश्रा, फ़रहीन चिश्ती, ज्योत्सना स्वर्णकार, जी.एस.चौहान, शशि बरेठ,अजय श्रीवास्तव, बी.आर.कौशिक, प्रतीक जायसवाल, अनुराग मांझी,संजय बघेल,सुरेश यादव,प्रिंस जायसवाल आदि ने हिस्सा लिया।
दोपहर में टीम के सदस्यों ने अचानकमार अभयारण्य के पहले शिवतराई ग्राम में साफ-सफाई अभियान चलाया।