गौ सेवा आयोग ने संज्ञान लिया, सीजेसीजे ने सरकार को दोषी बताया

बिलासपुर । तखतपुर तहसील के मेड़पार बाजार के एक जर्जर भवन में आज हुई 47 गायों की मौत के कारणों की जांच के लिये कलेक्टर ने एडीएम बीएस उइके की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय टीम बनाई है।

इसमें कोटा के अनुविभागीय अधिकारी आनंद रूप तिवारी, पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक व कृषि विभाग के उप-संचालक को शामिल किया है। कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी।

आज शाम कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने अपील जारी कर मेड़पार बाजार की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। इनके विरुद्ध पुलिस ने अलग से एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। डॉ. मित्तर ने जिले के पशुपालकों और ग्रामीणों से अपील की है कि वे जानवरों को सुरक्षा के साथ रखें ताकि दम घुटने या महामारी से उनकी जान को खतरा न हो। प्रत्येक ग्राम पंचायत को इस सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश जारी किये जा रहे हैं।

इधर राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुन्दर दास ने कहा है कि घटना की जांच के लिए एक दल ग्राम को भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई के लिये प्रशासन को लिखा जायेगा।

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) की ओर से एक जांच दल जिले के ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष विक्रांत तिवारी के नेतृत्व में ग्राम मेड़पार भेजा गया। जांच दल ने लौटने के बाद कहा है कि गोधन न्याय योजना और रोका-छेका को पूरा करने के दबाव में मवेशियों को बंद करके रखा गया था। सरपंच और अधिकारियों पर इस योजना को सफल बनाने का दबाव है। इस मामले में पंचायत की आदिवासी महिला सरपंच को मोहरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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