दोषियों पर गैर इरादतन हत्या का जुर्म दर्ज करने, परिजनों को मुआवजा देने की मांग, सिविल लाइन टीआई पर धमकी देने का आरोप

बिलासपुर। आगजनी की घटना के बाद शिफ्ट किये गए शिशुओं की मौत को लेकर शुरू किया गया धरना आज दूसरे दिन समाप्त कर दिया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आज धरने पर बैठी सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला के ज्ञापन को लिया। शुक्ला ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। प्रशासन ने इस पर कार्रवाई नहीं की तो वे उच्च-न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगीं।

बीते 22 जनवरी को सिम्स में बिजली पैनल में आग लगने से दहशत फैल गई थी। एनआईसीयू में भर्ती कई शिशुओं को दूसरे निजी अस्पतालों में आनन-फानन में शिफ्ट किया गया था। इनमें से पांच शिशुओं की मौत हो चुकी है। सिम्स तथा निजी अस्पतालों के प्रबंधन का कहना है कि इनकी मौत के पीछे आग या धुआं नहीं बल्कि उनकी गंभीर स्थिति है, दूसरी तरफ अनेक लोगों का मानना है कि यह मौत सिम्स के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुई है। इस मुद्दे पर कल से धरने पर बैठी प्रियंका शुक्ला व उनके सहयोगियों ने आज जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और अपना धरना समाप्त कर दिया। शुक्ला ने बताया कि उनकी बात स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से हुई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन के दो अधिकारियों ने आकर ज्ञापन लिया।

ज्ञापन में मांग की गई है कि सिम्स में आगजनी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। सिम्स अधीक्षक बीपी सिंह व अन्य द्वारा बरती गई अनियमितता को लेकर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये तथा सब को निलम्बित किया जाये। सिम्स के इलेक्ट्रिक विभाग में तकनीकी स्टाफ की बहाली हो, फायर एवं सेफ्टी के कड़े नियम बनाकर उस पर अमल किया जाये। जिन अधिकारियों की लापरवाही से शिशुओं की मौत हुई है उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध रजिस्टर किया जाये। मृत शिशुओं के परिजनों को कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाये। उन्होंने याद दिलाया कि मार्च 2018 में भी सिम्स में शार्ट सर्किट के चलते मेटरनिटी वार्ड में आग लग गई थी जिसमें 10 महिलाएं फंस गई थीं।

शुक्ला ने आज पुलिस अधीक्षक से शिकायत की कि सिविल लाइन के थानेदार जगदीश मिश्रा ने उन्हें अंदर कर देने की धमकी ऐसे दी, मानो वह  चोर डाकू हो। आज धरना स्थल पर नंद कश्यप, अनुज श्रीवास्तव, महेन्द्र दुबे, राधा श्रीवास, डॉ. लाखन सिंह, शिखा पांडेय, संजय यादव आदि उपस्थित थे।

 

 

 

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