हवाई सुविधा जन-संघर्ष समिति का महाधरना रविवार को भी रहा जारी

बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के द्वारा जारी महाधरने में रविवार को भी विभिन्न समुदाय और वर्गों के द्वारा भागीदारी की गई। आज प्रमुख रूप से ईरानी समाज सिंधी समाज और समिति के सदस्य धरने पर बैठे।

गौरतलब है कि 1 मार्च को प्रारंभ हुए बिलासा देवी देवी केवट एयरपोर्ट में अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बाहर से आने वाले कई यात्री उचित समय पर टैक्सी की व्यवस्था ना होने के कारण परेशान होते हैं। दो फ्लाइट लेट होने के कारण एक ही एक ही समय पर आती है तो डिपार्चर लाउंच छोटा पड़ जाता है। इन सब के कारण नई टर्मिनल बिल्डिंग और टैक्सी और कैंटीन आदि सुविधाओं का विकास अत्यंत आवश्यक है। इन सबके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने पैसा पहले ही स्वीकृत कर दिया है परंतु कार्य प्रारंभ होने में अनावश्यक विलंब हो रहा है।

सभा में ब्रह्मदेव सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट का सही विकास केंद्र सरकार से 200 एकड़ जमीन रनवे विस्तार के लिए वापस लेने पर ही हो सकता है। इस जमीन का सेना द्वारा 10 वर्षों में उपयोग नहीं किया गया है अतः राज्य शासन भूमि अधिग्रहण को निरस्त कर जमीन एयरपोर्ट के लिए दे सकती है। आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने कहा कि उत्तर छत्तीसगढ़ एक अलग पहचान रखता है और सरगुजा, कोरबा, रायगढ़, जशपुर और कोरिया जैसे जिलों के लिए बिलासपुर एयरपोर्ट का पूर्ण विकास होना जरूरी है।

शिवा मुदलियार ने कहा कि बिलासपुर का विकास एयरपोर्ट में सिर्फ एक फ्लाइट चला करके ही नहीं किया जा सकता बल्कि बिलासपुर से मुंबई कोलकाता हैदराबाद पुणे जैसे महानगरों को भी जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।

सभा को चंद्रकुमार केशरवानी, महेश दुबे टाटा, रंजीत सिंह खनूजा, सीएल मीणा आदि लोगों ने भी संबोधित किया।

आज धरना में देवेंद्र सिंह, सुदीप श्रीवास्तव, बद्री यादव, अनिल कुलहरी, बबलू जार्ज, संतोष पीपलवा, अकील अली, चित्रकांत श्रीवास, मनोज श्रीवास, नरेश यादव, विजय वर्मा, आशुतोष शर्मा, अभिलाष रजक, कमलेश दुबे, जयपाल निर्मलकर, आकाश दुबे, आशुतोष शर्मा, किशोरी लाल गुप्ता एवं विकास जायसवाल उपस्थित हुए।

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