बिलासपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर ने 18 जुलाई को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए रेलवे को अमलाई रेलवे गुड्स शेड को फिर से चालू करने की अनुमति दी है। यह अनुमति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र (सीटीओ) प्राप्त करने की शर्त पर दी गई है। इस फैसले से रेलवे प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए गुड्स शेड के संचालन को पुनः शुरू करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
इससे पहले, स्थानीय निवासियों द्वारा कोयला परिवहन से होने वाले प्रदूषण के कारण उत्पन्न समस्याओं को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। इसके फलस्वरूप, उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल को अमलाई रेलवे गुड्स शेड पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था।
मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह के नेतृत्व में रेलवे प्रशासन ने इस याचिका का मजबूती से विरोध किया। उन्होंने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलों को पेश करते हुए, रेलवे की ओर से सभी आवश्यक जानकारी और प्रमाण प्रस्तुत किए। इन दलीलों से संतुष्ट होकर उच्च न्यायालय ने रेलवे के पक्ष में निर्णय सुनाया और गुड्स शेड को कुछ शर्तों के तहत चालू करने की अनुमति दी।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने कहा, “हम उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं और इसे जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। इससे न केवल माल परिवहन में तेजी आएगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।”
गुड्स शेड के पुनः संचालन से स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को विशेष लाभ होगा, जो अपने माल के तेज और सुगम परिवहन के लिए इस शेड पर निर्भर रहते हैं। इस निर्णय से कोयला, विद्युत, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर, स्टील, कच्चा तेल, और सीमेंट के उत्पादन एवं वितरण में वृद्धि की संभावना है।