यह प्राकृतिक आपदा दार्जिलिंग की खूबसूरती पर साये डाल रही है, लेकिन एकजुटता से इस संकट से निपटा जा सकता है। प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना, और बचाव कार्यों में सफलता की कामना।
दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के हिली इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रलय मचा दिया है। शनिवार रात से शुरू हुई तेज वर्षा ने कई जगहों पर भू स्खलन करा दिए, जिसमें कम से कम 20 लोगों की जान चली गई। कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए बताए जा रहे हैं, जबकि सड़कें, पुल और संचार व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मौसम विभाग ने रविवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और नाजुक हो सकती है।
भूस्खलन की भयावह तस्वीरें: घर-दुकान मलबे में दबे
मिरीक, कुरसेरॉन्ग और सुकिया पोखरी जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। एक बड़े भूस्खलन में 13 लोगों की मौत हो गई, जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। दूधिया आयरन ब्रिज टूट गया, जो सिलीगुड़ी को मिरीक से जोड़ता था। नेशनल हाईवे-10 पर कई जगह मलबा गिर गया, जिससे दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। सिक्किम जाने वाले रास्ते भी कट गए हैं, और कई गांवों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप हो चुकी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात भर की बारिश ने चाय के बागानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “सब कुछ बह गया, घर के अंदर सो रहे लोग मलबे में दब गए।”
मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा: 20 से ज्यादा शिकार, कई लापता
अधिकारियों के अनुसार, मिरीक में 13, सुकिया पोखरी में 6 और बिजनबारी में 1 मौत की पुष्टि हो चुकी है। नेपाल बॉर्डर पर 5 नेपाली नागरिक भी मारे गए। घायलों को नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। बचाव दल मलबे हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण काम मुश्किल हो रहा है। डार्जिलिंग सांसद राजू बिस्टा ने कहा, “यह बहुत दुखद है, केंद्र और राज्य सरकारें हर संभव मदद कर रही हैं।” मौतों का सही आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि कई दूरस्थ इलाकों से खबरें नहीं पहुंच पा रही हैं।
एनडीआरएफ तैनात, सीएम कल दौरा करेंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया और कहा, “दार्जिलिंग की स्थिति पर नजर है, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह ने भी संवेदना व्यक्त की। एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, जबकि बीजेपी कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर भोजन और आश्रय दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कल (6 अक्टूबर) नॉर्थ बंगाल का दौरा करेंगी। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है। ट्रेनें रद्द या डायवर्ट की गई हैं, और पर्यटकों को सलाह दी गई है कि यात्रा टालें।
मौसम का अलर्ट: और बारिश, खतरा बरकरार
मौसम विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरदुआर में रेड अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर के कारण 6 अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिट्टी संतृप्त होने से नए भूस्खलन का खतरा है। तीस्ता नदी उफान पर है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। जिला प्रशासन ने लोगों को घरों में रहने और पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है।