पं. माधवराव सप्रे की जयंती पर विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने रखे विचार 

रायपुर। स्वदेशी सोच और हिंदी भाषा के प्रति गहरा जुड़ाव रखने वाले पं. माधवराव सप्रे की जयंती पर गुरुवार को महाराष्ट्र मंडल में एक भव्य साहित्यिक आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ मित्र और छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस मौके पर साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा ने कहा कि “पं. माधवराव सप्रे स्वदेशी विचारों की बुनियाद थे, वे हिंदी की आत्मा थे।” उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद पत्रकारिता से स्वदेशी सोच का कम होना चिंताजनक है। हिंदी ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधे रखा है।

मुख्य वक्ता राकेश शर्मा, संपादक वीणा पत्रिका, इंदौर ने कहा कि सप्रे जैसे साहित्यकारों ने भारतीय संस्कृति और स्वदेशी भावना को जिंदा रखा। “आज हिंदू संस्कृति ही विश्व में नैतिकता का प्रतीक बनकर खड़ी है, बाकी प्राचीन संस्कृतियाँ खत्म हो चुकी हैं।”

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. चित्तरंजन कर ने कहा कि सप्रे जी का स्मरण हमें भारतीय लेखन की ओर ले जाता है। उन्होंने साधनों की नहीं, साधना की बात की। छत्तीसगढ़ में अनुवाद परंपरा की शुरुआत उन्हीं की देन है।

गिरीश पंकज, विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोले कि सप्रे जी बहुभाषी थे, लेकिन हिंदी को उन्होंने जीवन भर मराठी के साथ-साथ संवारने का काम किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की साहित्यिक पत्रकारिता की समृद्ध परंपरा को भी रेखांकित किया।

डॉ. केशरीलाल वर्मा, कुलपति, छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय, मुंबई ने कहा कि “आजादी की लड़ाई में हिंदी ने देश को जोड़ा और सप्रे जी जैसे लेखक संगठक की भूमिका में भी आगे रहे।”

इस अवसर पर डॉ. सीमा अवस्थी और सीमा निगम के संपादन में प्रकाशित साझा संकलन ‘सिंदूर गौरव’ का विमोचन किया गया। साथ ही डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव, डॉ. सुरेन्द्र कुमार तिवारी, डॉ. ऋचा यादव, जसवंत क्लाडियस और डॉ. तृप्ता कश्यप की पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।

हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में लेखन करने वाले डॉ. आर.डी. हिलोडे, प्रो. अनिल कालेले, शशि वरवंडकर, अनिता करडेकर, त्र्यंबक राव साटकर, लतिका भावे और भाऊराव ढोमने का सम्मान भी समारोह में किया गया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुधीर शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. माणिक विश्वकर्मा ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here