मुख्यमंत्री जनदर्शन के आवेदनों का प्राथमिकता से निराकरण करें-कलेक्टर
बिलासपुर। अब वन अधिकार पत्र के तहत धारित वनभूमि का नामांतरण और बंटवारा भी राजस्व भूमि की तरह किया जा सकेगा। पहले यह व्यवस्था नहीं थी, लेकिन राज्य सरकार ने वनवासियों के हित में यह निर्णय लिया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने साप्ताहिक टीएल बैठक में इस जानकारी को साझा किया। इस काम के लिए रेंज अफसर को राजस्व तहसीलदार की तरह अधिकार मिलेगा।
बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागों में लंबित शिकायतों और समस्याओं को तेजी से निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री जनदर्शन से प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता से हल करने की बात कही। पिछले दो जनदर्शन में 81 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनका जल्द से जल्द समाधान करने को कहा गया है।
कलेक्टर ने खेती-बाड़ी की प्रगति की भी समीक्षा की। उप संचालक कृषि ने बताया कि लगभग 90 प्रतिशत बोआई और 50 प्रतिशत रोपाई का काम पूरा हो चुका है। खाद-बीज और कृषि दवाइयों की कोई कमी नहीं है। कलेक्टर ने किसानों से अपील की कि वे फसल बीमा जरूर कराएं।
मौसमी बीमारियों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। स्कूल और आंगनबाड़ी में अगर किसी बच्चे को बुखार या बीमारी होती है, तो उनके पालकों को बुलाकर पहले उनका इलाज कराएं, फिर घर भेजें।
बिलासपुर के डॉ. सिहारे ने मलेरिया और डायरिया से पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज की पेशकश की, जिसके लिए कलेक्टर ने उन्हें धन्यवाद दिया। श्री शरण ने जागरूकता चौपाल और सर्विलेंस जारी रखने के निर्देश दिए। डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने स्थानीय वन उत्पादों के बारे में प्रस्तुति दी और सरकारी विभागों से इन्हें खरीदने का अनुरोध किया। बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ रामप्रसाद चौहान, डीएफओ सत्यदेव शर्मा, सहायक कलेक्टर तन्मय खन्ना और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।