8 उपाध्यक्ष–3 महामंत्री–8 मंत्री; मोर्चों में भी नए चेहरे

बघेल ने कहा- अडाणी के खिलाफ बोलने के कारण भाजयुमो अध्यक्ष की कुर्सी छिनी

रायपुर। लंबे इंतज़ार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार दोपहर छत्तीसगढ़ में अपनी नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी। सूची में कुल 47 नए पदाधिकारियों के नाम हैं—जिनमें 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, 4 संगठन सचिव, 6 सह-मंत्री और 22 सदस्य शामिल हैं। पार्टी ने साथ ही मोर्चों की नई तैनातियाँ भी की हैं। सूची के अनुसार सांसद संतोष पांडे को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता, राहुल योगराज टिकरिहा को भाजयुमो (युवा मोर्चा) प्रदेश अध्यक्ष और विभा अवस्थी को महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा ने इसे “आगामी चुनावी तैयारियों और संगठन को मज़बूत करने” की दिशा में कदम बताया है।

नई कार्यकारिणी में ये नाम शामिल-

उपाध्यक्षों में जगन्नाथ पाणिग्रही, रामजी भारती, रूपकुमारी चौधरी (सांसद), रंजना साहू, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, नंदन लाल जैन, जी. वेंकटेश्वर, सतीश लाटिया के नाम हैं। महामंत्री यशवंत जैन, अखिलेश सोनी और नवीन मारकंडे बनाए गए। मंत्रिपद पर संध्या परघनिया, शिवनाथ यादव, जयंती पटेल, अमित साहू, जितेन्द्र कुमार वर्मा, हर्षिता पाण्डेय, विद्या सिदार, ऋतु चौरसिया की नियुक्ति हुई है। राम गर्ग को कोषाध्यक्ष, अशोक बजाज को कार्यालय प्रभारी और प्रीतेश गांधी को सह-प्रभारी की जिम्मेदारी मिली। मोर्चों में—ओबीसी मोर्चा: अशोक साहू, किसान मोर्चा: आलोक सिंह ठाकुर, एससी मोर्चा: सनम जांगड़े, एसटी मोर्चा: सत्यनारायण सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा: मखमूर इक़बाल ख़ान—की तैनाती हुई, जबकि हेमंत पाणिग्रही मीडिया संयोजक, मितुल कोठारी सोशल मीडिया संयोजक और सुनील पिल्लई आईटी संयोजक बनाए गए।

प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने हाल ही में संकेत दिया था कि संगठन का विस्तार “बहुत जल्द” होगा और इसे पार्टी के कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन तथा क्षेत्रीय/सामाजिक प्रतिनिधित्व के संतुलन से जोड़कर देखा जाना चाहिए—आज की सूची उसी दिशा में उठाया गया कदम मानी जा रही है।

रवि भगत ने बोलने की कीमत चुकाई- बघेल

सूची में भाजयुमो अध्यक्ष का बदलाव सबसे चर्चित रहा—राहुल योगराज टिकरिहा की ताजपोशी के साथ रवि भगत को हटाया गया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने X (पूर्व ट्विटर) पर भाजपा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि “अडानी” से जुड़े सवाल उठाने की “कीमत” रवि भगत को चुकानी पड़ी। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा आंतरिक असहमति दबाने और “बड़े कॉरपोरेट हितों” के पक्ष में काम कर रही है।

मालूम हो कि सोशल मीडिया पर रविभगत ने पिछले दिनों एक के बाद एक कई पोस्ट किये थे, जिसमें कहा गया था कि डीएमएफ और सीएसआर मद की राशि केवल रायगढ़ में खर्च की जा रही है, जबकि जिले के दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में भी विकास कार्यों की जरूरत है। उन्होंने अपने इलाके के सरपंचों से आह्वान भी किया था कि वे कलेक्टर को प्रस्ताव भेजें और राशि स्वीकृति की मांग करें। इस पोस्ट को सीधे-सीधे वित्त मंत्री ओपी चौधरी के खिलाफ माना गया।

सांसद को बनाया मुख्य प्रवक्ता

उपाध्यक्षों–महामंत्रियों–मंत्रियों में अलग-अलग संभागों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व दिखाकर पार्टी ने यह संकेत दिया है कि संगठनात्मक शक्ति का विस्तार केवल चुनावी प्रबंधन नहीं, बल्कि मैसेजिंग आर्किटेक्चर को केंद्रीकृत करना भी है—इसी कड़ी में सांसद संतोष पांडे को मुख्य प्रवक्ता बनाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 युवा मोर्चा अध्यक्ष में बदलाव और उस पर कांग्रेस के हमले से यह साफ है कि विपक्ष इस सूची को “दलबंदी साधने” के औज़ार की तरह पेश करेगा, जबकि भाजपा इसे अनुशासन और तेज़ निर्णय क्षमता के प्रतीक के रूप में प्रचारित करे।

संगठन विस्तार के साथ निकट भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी तेज़ हुई हैं; प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही “बहुत जल्द” के संकेत दिए थे, जिसे आज की सूची ने और हवा दी है।

क्या बदल सकता है?

  • मैदान-स्तर की मशीनरी: मोर्चों/प्रकोष्ठों में नई तैनातियां बूथ–मंडल–जिला स्तरीय समन्वय को गति देंगी—खासतौर पर युवा व महिला मोर्चा के जरिए कैंपेनिंग और सोशल मीडिया पर नैरेटिव मैनेजमेंट तेज़ होगा।
  • विपक्ष की रणनीति: कांग्रेस संभवतः अंदरूनी असंतोष, कथित कॉरपोरेट नज़दीकियों और युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रकरण को जोड़कर राजनीतिक नैरेटिव बनाए रखेगी।

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